इंदौर :
बसंत पंचमी की पावन बेला में अभिनव कला समाज एवं श्रुति संवाद संगीत समिति द्वारा आयोजित "राग देश बसंत " संगीत सभा में डॉ. पूर्वी नीमगांवकर ने शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया।
अपनी प्रस्तुति में उन्होंने सर्वप्रथम राग भिन्न षड्ज से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की तीन ताल निबद्ध पारंपरिक रचना " उड़ जा रे कागा " से प्रारंभ कर द्रुत तीन ताल में निबद्ध " जा रे जा रे कागा " यह प्रभावशाली बंदिश प्रस्तुत की। आपकी गायकी में सुर का लगाव तथा राग को समझाने का अंदाज खूब सराहा गया। दूसरी प्रस्तुति में स्वयं लिखी हुई रचना राग बसंत में प्रस्तुत की। इसके बोल थे " ऋतु बसंत आयो आज " ग्वालियर, जयपुर तथा इंदौर तीनों घराने की परंपरा को समृद्धिता से प्रस्तुत कर आपने श्रोताओं का मन मोह लिया। अंत में आपने मांड में मीराबाई का भजन "मैं गोविंद गुण गाऊ " प्रस्तुत किया। आपके साथ हारमोनियम पर भरत जोशी ने उत्कृष्ट संगत की एवं तबले पर राहुल बेने ने प्रभावशाली संगत की। तानपुरे पर अश्विनी भावसार एवं ईशा सिंह गेहलोत ने संगत की।
बसन्त पंचमी के पावन अवसर पर अभिनव कला समाज में सरस्वती पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन में आलोक वाजपेयी द्वारा बांसुरी एवं गायन पर मां सरस्वती वंदना, वसंत के स्वागत गीत - नवल वसंत नवल वृंदावन तथा गणतंत्र दिवस के परिपेक्ष्य में वंदे मातरम गीत की सुमधुर प्रस्तुति दी गई। श्री बाजपेयी के साथ ताल वाद्य पर संगत प्रवीण कुमार खारीवाल ने की। तत्पश्चात अभिनव कला समाज संगीत क्लास के विद्यार्थियों - अंकिता मिश्रा, राहुल सोधिया, सुमित रघुवंशी, हार्दिक वासीवार, महिम गोहर एवं अनुज जैन ने संगीतज्ञ पंडित सुनील मसूरकर के निर्देशन में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मानस शर्मा ने तबले तथा हेमराज दाहिया ने हारमोनियम पर सुयोग्य संगति दी।
पूजन कार्यक्रम में पं. सुनील मसूरकर, प्रवीण कुमार खारीवाल, डॉ. पूर्वी निमगावंकर,सत्यकाम शास्त्री, अभिभाषक आशुतोष निमगांवकर, गणेश एस. चौधरी, आकाश चौकसे, सुदेश गुप्ता, रोहित अग्निहोत्री, प्रवीण धनोतिया ने सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजन किया। मंच संचालन ने रोहित अग्निहोत्री ने किया एवं आभार सोनाली यादव ने माना।