इंदौर : बंगाली गरीब युवती सोशल मीडिया में एक अनजान व्यक्ति से दोस्ती कर ली और उसका अनजान दोस्त ने उसको खुद का इंदौर मध्यप्रदेश का होना बताया. बंगाली युवती ने अखबारों में इंदौर का बहुत नाम सुना था,,वो अपनी छोटी सी बेटी लेकर इंदौर पंहुच गई. कुछ दिनों तक भटकती रही, लेकिन उसका सोशल मीडिया वाला अनजान दोस्त उसको नही मिला. जब तक उसके पास पैसे थे तब तक वो इधर उधर भटकती रही और जब पैसे खतम हो गए तो वह महिला थाना गई. महिला थाना द्वारा युवती और उसकी पुत्री को छावनी स्थित वन स्टॉप सेंटर सखी महिला बाल विकास विभाग जिला इंदौर में अस्थाई आश्रय हेतु लाया गया. दिनांक 31 अक्टूबर 21 से युवती और पुत्री निवासरत रहे. इस दौरान युवती की काफी काउंसलिंग की गई. उसके परिजनों से संपर्क किया गया. जिला कूचबिहार, पश्चिम बंगाल में महिला बाल विकास विभाग और जिला प्रशासन से संपर्क करने में पता चला कि युवती का परिवार बहुत गरीब है,वो इंदौर नही आ सकते हैं. जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर सी एल पासी एवम श्री रामनिवास बुधोलिया जी एवम के मार्गदर्शन में वन स्टॉप सेंटर प्रशासक डॉक्टर वांचना सिंह परिहार द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए एडीएम महोदय से आदेश प्राप्त करके युवती और उसकी पुत्री को वन स्टॉप सेंटर में पदस्थ महिला आरक्षक श्रीमती रमिता यादव और सुरक्षा गार्ड श्री श्याम सिंह के साथ कूच बिहार, पश्चिम बंगाल के लिए रवाना किया गया. युवती और उसकी पुत्री को जिला प्रशासन, एवम कूचबिहार पश्चिम बंगाल की रेलवे थाना के समक्ष परिजन के सुपूर्द किया. इस प्रकार एक भटकी हुई युवती सकुशल अपने घर पंहूची. श्री रामनिवास बुधौलिया जी ने आम जनता और खासकर महिलाओं से ये अपील की है कि आज सोशल मीडिया बहुत सारी गलतियों और अपराध का माध्यम बनता जा रहा है. हम सबको इस बारे में भी जागरूकता फैलाना अनिवार्य है कि किसी भी प्रकार से अनजान व्यक्ति के बहकावे में आकर कोई भी ऐसा कदम न उठाए जिससे हमारी सुरक्षा और जीवन को हानि होती है. जैसा कि महिला बाल विकास विभाग महिलाओ और बच्चो के हित में सदैव तत्पर है और आज हम सेफ्सिटी कार्यक्रम को लेकर आगे बढ़ रहे हैं तो आम जनता भी जागरूक बने और सुरक्षित रहे.