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Jain wani : बड़े हितों की प्राप्ती के लिये छोटे हितों का त्याग करना पड़ता है : मुनि श्री प्रमाण सागर जी

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Sun, 05 Jan 2025 12:09 PM
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Jain wani : बड़े हितों की प्राप्ती के लिये छोटे हितों का त्याग करना पड़ता है : मुनि श्री प्रमाण सागर जी
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राजेश जैन दद्दू 

इंदौर.

कालानी नगर त्रिमुर्ति दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में मुनि श्री ने अपनी मंगल देशना में कहा कि दीर्घकालिक सुख के लिये अल्पकालिक सुख को त्यागना पड़ता है, जिन बातों से आपका मन खौलता है और अप्रसन्नता होती है. उन बातों को नजरअंदाज कर दो. थोड़ा सा सह लोगे तो आप सुखी और प्रसन्न रह सकते हो, सुखी और संपन्न होंने के लिये उन बातों को इग्नोर करो, जो आपको असहज करती है, जितना सहजता से जिओगे अपने आपको सुखी महसूस करोगे. उपरोक्त उदगार मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज ने कालानी नगर इंदौर में व्यक्त किये.

मुनि श्री ने कहा कि "धैर्य रखो और त्वरित प्रक्रिया से बचो" चवन्नी खोजने में अठन्नी का तेल मत जलाओ, छोटी मौटी बातों को नजरअंदाज करोगे तो आपके सम्वंध कभी खराब नहीं होंगे. उन्होंने प्रसिद्ध उद्धोगपति घनश्याम दास विड़ला का उदाहरण देते हुये कहा कि एक दिन वह अपनी ओरियंटल पेपर मिल में पहुंचे तो लोगों ने कहा कि आपकी इस फैक्ट्री में बहूत अनिमियतायें है, तो उन्होंने सबकी बात को सुना और कहा कि मेरी 200 फैक्ट्री है में कंहा-कंहा देखूगा में तो फायनल बेलेंस सीट को देखता हूं.

यदि कंपनी ग्रोथ कर रही है, तो में छोटी मौटी बातों को नजरअंदाज कर देता हुं. मुनि श्री ने कहा कि घर हो या दुकान अथवा आंफिस यदि आपका घर से ही मूड खराब करके जाओगे, तो क्या आपका दिन अच्छा निकल सकता है? जीवन को यदि आनंद से भरना चाहते हो, उन बातों को इग्नोर करोगे तो आपके सभी काम हो जाऐंगे. मुनि श्री ने कहा कि जो व्यक्ति आपके व्यापार में घाटा देता है, उसे तो आप इग्नोर कर लेते हो कभी घर परिवार में कोई बात हो उन बातों को भी इग्नोर करो. जिसकी सोच पाजेटिब होती है, वह हर क्षेत्र में सफल होता है.

सुखी होंने के लिये अपना व्यव्हार ठीक करो और समृद्ध होंने के लिये व्यापार ठीक से करोगे तो कभी असफल नहीं होगे. किसी भी कार्य में अड़ो मत सभी से तालमेल बनाकर चलोगे तो जीवन में कभी उलझोगे नहीं, यदि एडजस्टमेंट की कला सीख लोगे तो कभी किसी से कोई विवाद नहीं होगा. व्यापार व्यवसाय हो या जीवन व्यव्हार में धैर्य रखना चाहिये जो धैर्यवान होते है वह हर मुश्किल की घड़ी में अपनी समस्याओं को हल कर लेते है.

इस अवसर पर मुनि श्री निर्वेग सागर महाराज ने यदि आपने आने बाली पीड़ी को संस्कार दे दिये, तो आपका छोटे नगर से महानगर में आना सार्थक हो जाऐगा. उन्होंने पाठशालाओं को व्यवस्थित रखने की बात करते हुये कहा कि समाज की सुरक्षा सु संस्कारित पाठशालाओं से है.

इस अवसर पर मुनि श्री संधान सागर महाराज सहित समस्त छुल्लक महाराज मंचासीन थे. धर्म सभा का संचालन बाल व्रहमचारी अभय भैया ने किया. इस अवसर पर धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष अशोक डोसी, अविनाश जैन, प्रदीप बल्ला, राकेश, चेतक, दिनेश जैन, अखिलेश जैन, मनीष फंटुस, नवीन केवलारी एवं उषा पाटनी, श्रीमती मुक्ता जैन आदि समाज जन उपस्थित थे. राजेश जैन दद्दू ने बताया कि दौपहर में मुनिसंघ का विहार आदिनाथ बाग रामचन्द्र नगर की और हुआ. रविवार को प्रातःप्रवचन एवं आहारचर्या यंही से संपन्न होगी. सभी समाज जन से निवेदन है कि सही समय पर पहुंच कर धर्म लाभ लेवें. 

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