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INDORE NEWS : जिला न्यायालय में दस जुलाई को नेशनल लोक अदालत

इंदौर Published by: Paliwalwani9 Updated Fri, 18 Jun 2021 09:59 AM
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इंदौर । इंदौर जिला न्यायालय में लंबित प्रकरणों के आपसी सुलह समझौते से त्वरित निराकरण के लिये दस जुलाई को नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई है। यह लोक अदालत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री दिनेश कुमार पालीवाल के मार्गदर्शन में होगी। 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि 10 जुलाई, 2021 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित मोटर दुर्घटना दावा, सिविल, विद्युत चोरी से संबंधित प्रकरण चैक बाउन्स प्रकरण, भरण पोषण प्रकरण, घरेलू हिंसा प्रकरण, श्रम प्रकरण एवं राजीनामा योग्य दांडिक/आपराधिक प्रकरणों एवं प्रीलिटिगेशन मामलों का निराकरण आपसी समझौतों के आधार पर होगा। प्रकरण निराकरण हेतु लोक अदालत के लिये गठित खण्डपीठों में भेजे जायेंगे।

सचिव श्री श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण काफी समय से लोक अदालत का आयोजन नहीं हो सका है। लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों को रखा जाता है, जिनमें पक्षकारों के बीच समझौते की संभावना हो, ऐसे पक्षकारों को लोक अदालत की खण्डपीठ द्वारा समझाईश दी जाती है और समझाईश के फलस्वरूप यदि पक्षकारों के मध्य राजीनामे की सहमति बनती है, तो पक्षकारों के मध्य तय शर्तों के अनुसार राजीनामा न्यायालय के समक्ष हो जाता है। लोक अदालत में आपसी राजीनामे के आधार पर प्रकरणों के निराकरण की दशा में पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर बने रहते हैं, वहीं न्यायालय से गुण-दोषों के आधार पर फैसले के आधार पर कोई-न-कोई पक्ष असंतुष्ट रह जाता है, जो न्यायालय में फैसले के विरुद्ध वरिष्ठ न्यायालय में कार्यवाही करता है और अदालती कार्यवाही में पक्षकारों का पैसा और समय दोनों ही खर्च होता है। लोक अदालत में मामले का निराकरण समझौते के आधार पर होने पर पैसे और समय दोनों की ही बचत होती है।

सचिव श्री मनीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि दीवानी मामलों में राजीनामा लोक अदालत के समक्ष किये जाने की स्थिति में वादी के द्वारा जो कोर्ट फीस हजारों-लाखों रुपये की स्टाम्प के रूप में दी गई होती है, वह पूरी की पूरी कोर्ट फीस वादी को वापस प्राप्त करने का अधिकार होता हैं। इसी प्रकार चैक बाउन्स वाले मामलों में भी परिवादी द्वारा हजारों-लाखों रुपये कोर्ट फीस जमा करते हुए चेक बाउन्स के संबंध में परिवाद न्यायालय में पेश किया जाता है, यदि चेक बाउन्स वाले मामलों में भी लोक अदालत में राजीनामा होता है, तो दी गई कोर्ट फीस की राशि भी पूरी की पूरी परिवादी को वापस प्राप्त करने का अधिकार होता है। इसी प्रकार वाहन दुर्घटना वाले मामलों में भी बीमा कंपनी या विरोधी पक्षकार से लोक अदालत में राजीनामा के फलस्वरूप मामले का शीघ्र निराकरण हो जाता है और पक्षकार को शीघ्र ही मुआवजा राशि मिल सकती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर ने आग्रह किया है कि लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण कराया जाये।

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