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Indore News : गायों से भरा ट्राला थाने के बाहर से छुड़ा ले गए और पुलिस मूक दर्शन बनी रही : महापौर ने जमकर नाराजगी जाहिर की

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Thu, 26 Dec 2024 12:56 AM
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इंदौर. 

कल नगर निगम के अमले पर जिस तरह से बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हमला किया वह निंदनीय तो है ही साथ ही गौ रक्षा के नाम पर खुले आम की जाने वाली गुंडागर्दी का भी सबूत है. ऐसे ही तथाकथित गौ रक्षों के लिए मोदी जी ने भी कुछ वर्ष पूर्व तीखी टिप्पणी की थी.

आज सुबह निगम अमले द्वारा अवैध बाड़े तोड़ते हुए दो ट्रालो में भरकर गायों को हातोद गौशाला में ले जाया जा रहा था, जिसमें से एक ट्राले में 50 गाएं भरी थी , वह तो गौशाला पहुंच गई मगर दूसरा ट्राला जो थाने के बाहर खड़ा था , उसे निगम अमले पर हमला करने वाले छुड़ा ले गए और पुलिस इस पूरे घटनाक्रम के द्वारा मूकदर्शक बनी रही.

कल की इस पूरी कार्यवाही के दौरान पुलिस का रवैया अत्यंत ही असहयोगात्मक बताया गया. निगम कर्मी पीटते रहे और पुलिस खड़े-खड़े तमाशा देखती रही. इधर इस पूरे मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी कड़ा रुख अपनाया और उन्होंने इस बात पर सख्त नाराज़गी जाहिर की कि आखिर किसके दबाव में पकड़े गए पशुओं को छोड़ा गया. जबकि उनके खुद के स्पष्ट निर्देश थे कि अवैध बाड़े सख्ती से तोड़ना है और पशुओं को गौ शाला में भेजना है और शहर में पशुपालन किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा, फिर भी आज पकड़े पशुओं को छोड़ दिया, इससे हमारे निगम अमले का भी मनोबल गिरता है और इस मामले में क्षेत्र के रहवासियों ने भी लगातार शिकायतें की है और वे भी अपने घरों के पास पशुओं के इन बाड़ों से परेशान है.

महापौर ने अपना आक्रोश पुलिस के ढीले रवैए पर भी निकाला है. महापौर का स्पष्ट कहना है कि इस तरह की कार्यवाही लगातार चलेगी और इसमें किसी तरह का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, निगम अमले पर हमला करने वालों के खिलाफ FIR करवाने के निर्देश भी उन्होंने दिए है. पकड़े गए पशुओं का छोड़ा जाना भी महापौर ने अत्यंत आपत्तिजनक माना है. इधर आयुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि वे अपनी निगम टीम के साथ है और FIR करवाने के साथ पुलिस के आला अधिकारियों से भी चर्चा कर रहे है.  उनके मुताबिक थाने के बाहर खड़ा एक ट्राला अवश्य छुड़वाकर ले गए और दूसरे ट्राले के पशुओं को हातोद भिजवा दिया है.

आयुक्त के मुताबिक ये भी जानकारी मिली कि पशुओं को छुड़वाने के साथ फिर से बाड़े का निर्माण भी शुरू किया गया, उसे भी निगम आज फिर से तोड़ेगा और सभी पशुओं को पकड़ कर गौ शाला भेजेगा. दूसरी तरफ रहवासियों ने भी निगम की कार्यवाही का स्वागत किया और कहा कि अवैध बाड़े के साथ कई अवैध धंधे भी शुरू हो गए थे और क्षेत्र की महिलाओं का निकलना मुश्किल हो गया है, हम भी गौ प्रेमी है मगर इसका मतलब ये नहीं कि इस तरह गौ वंश को पाला जाए. कुल मिलाकर आज का घटनाक्रम स्वच्छ और नम्बर वन इंदौर को कलंकित करने वाला और पुलिस कमिश्नरी को लजवाने वाला रहा.

HISTORY

Edited By

sunil paliwal

कल की घटना ने शहरवासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्या हम नंबर वन के शहरवासी है. निगम कर्मचारी का क्या कसूर था वो तो अपना फर्ज निभा रहा था...वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए, अपना कर्तव्य निभा रहा था...फिर क्यों हिंदूवादी संगठनों ने बवाल मचाया...खुदा ना खास्ता कभी पीड़ित कर्मचारी के साथ गंभीर हादसा निर्मित हो जाता...तो उसके परिवार की चिंता कौन करता...छोड़ो साहब, हमेशा छोटे कर्मचारी बलि के बकरे बन जाते है, और ऊंचे पदों पर बैठे लोग तमाशाबीन इतिश्री कर लेते है...निगम कर्मचारी संगठनों की उदासीनता ने ही ये दिन दिखा दिए...वरना किसी क्या औकात...जो कर्मचारी शहर को साफ और स्वच्छ बनाने में रात दिन एक कर दे...उसको कोई हाथ कैसे लगा ले...इंदौर में जो कुछ भी हुआ...वो हमारे इंदौर के शहरहित में नहीं कहा जा सकता...चाहे कोई भी संगठन हो, वो धर्म-संस्कृति के नाम पर हुड़दंग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए...वरना आए दिन निगम कर्मचारी साथियों के साथ हादसे होते रहेगे ओर निगम की पीली जीपें फोड़ी जाती रहेगी...जितने गुनाहगार हिंदूवादी संगठन है, उससे ज्यादा पुलिस प्रशासन दोषी है...आखिर इनकी मौजूदगी में इतना बड़ा बवाल क्यों मचा...!

एक बात और सांसद, मंत्री, विधायक, और पार्षद भी सोच ले...अगर ऐसा चलता रहा तो उनका क्या होगा...सबकुछ आपका फिर भी निगम कर्मचारियों को क्यों मारा, जरा सोच कर बताना...आज शहरवासी शर्मशार है, क्यों कि आपकी खामोशी ने ऐसे दिन दिखा दिए...!

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