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Indore News : निगम कर्मचारी बजरंग दल के खिलाफ मैदान में : 3 पर नामजद FIR दर्ज : निगम की पीली जीपें सहित कई गाडिय़ां फोड़ी : पिटाई कांड से मचा बवाल

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Thu, 26 Dec 2024 12:45 AM
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Indore News : निगम कर्मचारी बजरंग दल के खिलाफ मैदान में : 3 पर नामजद FIR दर्ज : निगम की पीली जीपें सहित कई गाडिय़ां फोड़ी : पिटाई कांड से मचा बवाल
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इंदौर. 

नगर निगम की टीम पर हिंदुवादी संगठन द्वारा हमला और मारपीट की गई है, जिसमें 3 निगम कर्मचारी घायल बताए जा रहे हैं. सुबह घटित हुई इस घटना की एफआईआर दर्ज कराने में निगम को पसीने छूट गए. घटना के 12.00 घंटे से अधिक समय बीत इस मामले में रात 9.30 बजे नामजद प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है. प्रकरण में विजय कालखोर निवासी मरीमाता, संजय महाजन निवासी महादेव नगर, तेजसिंह राठौर निवासी इंदौर अर्बन और अन्य को आरोपी बनाया गया है.

FIR बीएनएस की धारा 115 (2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 296 (सार्वजनिक स्थल पर अभद्र व्यवहार), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला),110 (हत्या करने का प्रयास),191 (2) (बलवा), 191 (3),190, 3 में दर्ज की गई है.

नगर निगम का रिमूवल अमला सुबह 7.00 बजे दत्त नगर और सत्यदेव नगर इंदौर कार्रवाई करने के लिए पहुंचा था. वहां 4 हजार स्क्वेयर फीट और तीन हजार स्क्वेयर फीट में बने दोनों बाड़े ढहा दिए गए थे. इन बाड़ों में कई गायें बंधी हुई थीं, जिन्हें निगमकर्मियों ने पकडक़र आइशर में भरवा दिया और निगम का अमला कार्रवाई कर वहां से रवाना हुआ. 

फूटी कोठी चौराहे के ब्रिज से जब निगम का अमला गुजर रहा था, तबी अचानक दोपहिया वाहनों पर सवार बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने अपने वाहन गाडिय़ों के आगे लगा दिए. उन्होंने अफसरों से कहा कि गोशाला तोडक़र निगम ने वहां से गायें पकड़ी हैं, जो सरासर गलत है. इस पर अधिकारी स्पष्टीकरण देते रहे, लेकिन बजरंग दल कार्यकर्ता नहीं माने और वहीं डटे रहे. बाद में वहां विवाद की स्थिति बन गई और देखते ही देखते निगम की पीली जीपें सहित कई गाडिय़ां फोड़ दी गईं.

बजरंग दल कार्यकर्ताओं और निगमकर्मियो में झूमाझटकी हुई, जिसके चलते निगमकर्मियों की पिटाई कर दी गई. इसके बाद वहां से उपायुक्त लता अग्रवाल और अन्य रिमूवल अधिकारी द्वारकापुरी थाने के लिए रवाना हो गए. ब्रिज पर खड़ी आइशर गाडिय़ों को लेकर बजंरग दल के कार्यकर्ता द्वारकापुरी थाने पहुंचे और हवा बंगला झोन परिसर में गाडिय़ां खड़ी कर गायों को उतारा गया.

बजरंग दल के प्रखंड मंत्री कान्हा चौहान के मुताबिक निगमकर्मियों ने एक गाड़ी में 20 से 25 गायें भर दी थीं, जिसके चलते बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया तो उन्हें निगमकर्मियों ने पीटा, जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में बजरंग दल कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया था.

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sunil paliwal

कल की घटना ने शहरवासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्या हम नंबर वन के शहरवासी है. निगम कर्मचारी का क्या कसूर था वो तो अपना फर्ज निभा रहा था...वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए, अपना कर्तव्य निभा रहा था...फिर क्यों हिंदूवादी संगठनों ने बवाल मचाया...खुदा ना खास्ता कभी पीड़ित कर्मचारी के साथ गंभीर हादसा निर्मित हो जाता...तो उसके परिवार की चिंता कौन करता...छोड़ो साहब, हमेशा छोटे कर्मचारी बलि के बकरे बन जाते है, और ऊंचे पदों पर बैठे लोग तमाशाबीन इतिश्री कर लेते है...निगम कर्मचारी संगठनों की उदासीनता ने ही ये दिन दिखा दिए...वरना किसी क्या औकात...जो कर्मचारी शहर को साफ और स्वच्छ बनाने में रात दिन एक कर दे...उसको कोई हाथ कैसे लगा ले...इंदौर में जो कुछ भी हुआ...वो हमारे इंदौर के शहरहित में नहीं कहा जा सकता...चाहे कोई भी संगठन हो, वो धर्म-संस्कृति के नाम पर हुड़दंग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए...वरना आए दिन निगम कर्मचारी साथियों के साथ हादसे होते रहेगे ओर निगम की पीली जीपें फोड़ी जाती रहेगी...जितने गुनाहगार हिंदूवादी संगठन है, उससे ज्यादा पुलिस प्रशासन दोषी है...आखिर इनकी मौजूदगी में इतना बड़ा बवाल क्यों मचा...!

एक बात और सांसद, मंत्री, विधायक, और पार्षद भी सोच ले...अगर ऐसा चलता रहा तो उनका क्या होगा...सबकुछ आपका फिर भी निगम कर्मचारियों को क्यों मारा, जरा सोच कर बताना...आज शहरवासी शर्मशार है, क्यों कि आपकी खामोशी ने ऐसे दिन दिखा दिए...!

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