इंदौर । ओमिक्रोन की सक्रियता को देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। इससे निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे निजी अस्पताल जहां 50 से अधिक बिस्तर हैं, वहां कम से कम 10 प्रतिशत बिस्तर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इसके लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने महामारी रोग अधिनियम-1897 और दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के तहत आदेश जारी किए हैं।
आदेश के अनुसार, 50 बिस्तरों से अधिक संख्या वाले सभी अशासकीय अस्पताल न्यूनतम 10 प्रतिशत बिस्तर आरक्षित कर इसकी जानकारी अपर कलेक्टर डा. अभय बेड़ेकर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बीएस सैत्या को देंगे। साथ ही शिशुओं के उपचार के लिए आरक्षित बिस्तरों की जानकारी भी देंगे।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जिले के सभी चिकित्सालयों में आक्सीजन आपूर्ति निर्बाध और सरलता से हो इसके लिए 47 शासकीय और अशासकीय अस्पतालों में आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। यह प्लांट चलने की स्थिति में पहुंचे हैं या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के संयुक्त दल बनाए गए हैं। इन दलों में अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सीएमएचओ और डाक्टरों को रखा गया है। यह दल देखेंगे कि आक्सीजन संयंत्रों में बिजली, आक्सीजन की शुद्धता, प्रेशर, प्लांट चलाने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति आदि व्यवस्थाएं हैं या नहीं...