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सहकारिता विभाग का स्पष्टीकरण : राजगृही कॉलोनी के भूखण्डों का क्षेत्रफल कम करने का निर्णय संस्था की आमसभा द्वारा लिया

इंदौर Published by: Paliwalwani Updated Thu, 03 Nov 2022 09:08 PM
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संशोधित नक्शा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदित

किसी भी सदस्य अथवा हितबद्ध पक्षकार के द्वारा सहकारिता विधान के अंतर्गत कोई अपील या रिवीजन सहकारिता विभाग के सक्षम कार्यालय/न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई है

इंदौर : इंदौर के एक समाचार पत्र में जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था इंदौर की राजगृही कॉलोनी के संबंध में प्रकाशित समाचार के संबंध में वस्तुस्थिति है कि सदस्यों के प्लाट साइज 1500 वर्गफीट के स्थान पर 1250 वर्गफीट करने का निर्णय संस्था के आमसभा द्वारा लिया गया है। किसी सहकारी संस्था का अंतिम प्राधिकार साधारण निकाय में निहित होता है। इसका संशोधित नक्शा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदित है। पूर्व में 1500 वर्गफीट की रजिस्ट्री हुई उसी के ऊपर बिना रजिस्ट्री निरस्त किये 1250 वर्गफीट प्लाट की रजिस्ट्री कैसे हो गई, कैसे हो सकती है के संबंध में सहकारिता विभाग से कोई स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ है।

संयुक्त आयुक्त सहकारिता ने बताया कि जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की राजगृही कॉलोनी के संबंध में प्रकाशित एक खबर के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था के वर्ष 1990 में स्वीकृत अभिन्यास में कुल 894 भूखण्ड अनुमोदित थे जिनमें अधिकांश भूखण्ड 1500 वर्गफीट के होकर अधिकाश भूखण्डों का आवंटन/पंजीयन तत्समय के पदाधिकारियों द्वारा कराया गया था। वर्ष 2006 में तत्कालीन कलेक्टर के आदेश से गठित 03 सदस्यीय कमेटी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर संस्था की विशेष आमसभा दिनांक 13 जुलाई 2014 में भूखण्डों का क्षेत्रफल 1500 वर्गफीट के स्थान पर 1250 वर्गफीट करने का निर्णय लिया जाकर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से सदस्यों द्वारा ही संशोधित नक्शा अनुमोदित कराया गया।

इस प्रकार भूखण्डों का क्षेत्रफल कम करने का निर्णय संस्था की आमसभा द्वारा लिया गया है। म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 48 (1) के अनुसार किसी सहकारी संस्था का अंतिम प्राधिकार सदस्यों के साधारण निकाय में निहित होता है। कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार उक्त निर्णय के विरुद्ध संस्था के किसी भी सदस्य अथवा हितबद्ध पक्षकार के द्वारा सहकारिता विधान के अंतर्गत कोई अपील या रिवीजन सहकारिता विभाग के सक्षम कार्यालय/न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई है।

उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के आदेश दिनांक 31 अक्टूबर 2018 एवं आदेश दिनांक 25 जनवरी 2019 के पालन में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऐं म.प्र. भोपाल के निर्देश पत्र दिनांक 10 अक्टूबर 2022 के द्वारा जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के पात्र सदस्यों को भूखण्ड का कब्जा दिलाने हेतु विधि संगत निराकरण एवं कार्यवाही के लिए संयुक्त आयुक्त सहकारिता इंदौर संभाग इंदौर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।

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