वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बुडापेस्ट में प्रस्तावित शांति वार्ताओं ने वैश्विक कूटनीति को नया मोड़ दे दिया है।
लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में एक चौंकाने वाली साजिश की आशंका जताई जा रही है: क्या ट्रंप पुतिन को यूरोपीय संघ (ईयू) के क्षेत्र में लाकर अंतरराष्ट्रीय अपराधी न्यायालय (आईसीसी) के गिरफ्तारी वारंट के जाल में फंसा रहे हैं? हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट को मेजबान चुने जाने से यह सवाल और तेज हो गया है, जहां आईसीसी नियमों के तहत पुतिन की गिरफ्तारी संभव है, लेकिन हंगरी की नीतियां इसे जटिल बना रही हैं।
16 अक्टूबर को ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर हुई “महत्वपूर्ण” बातचीत ने इन वार्ताओं को जन्म दिया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि दोनों नेता यूक्रेन में “निराशाजनक” युद्ध को समाप्त करने के लिए बुडापेस्ट में मिलेंगे। क्रेमलिन ने पुष्टि की कि ट्रंप ने खुद बुडापेस्ट का सुझाव दिया, जिसे पुतिन ने तुरंत स्वीकार कर लिया। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने इसे “शांति प्रेमी लोगों के लिए शानदार खबर” बताया और कहा कि बुडापेस्ट “यूरोप का एकमात्र सुरक्षित स्थान” है जहां ऐसी बैठक हो सकती है.
वार्ताओं की तैयारी तेज है। अगले सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूसी अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक होगी, उसके बाद ट्रंप-पुतिन की आमने-सामने मुलाकात संभव है। ट्रंप ने कहा, “हमने प्रगति की है। पुतिन मध्य पूर्व शांति समझौते की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि यह यूक्रेन के लिए भी काम करेगा।”
आईसीसी वारंट: गिरफ्तारी का खतरा या कूटनीतिक छूट?
पुतिन पर मार्च 2023 से आईसीसी का गिरफ्तारी वारंट पेंडिंग है, जो यूक्रेन से हजारों बच्चों के अवैध अपहरण के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराता है। आईसीसी के 125 सदस्य देशों पर पुतिन को गिरफ्तार करने का दायित्व है, जिसमें हंगरी भी शामिल है। लेकिन हंगरी अप्रैल 2025 में आईसीसी से बाहर निकलने की प्रक्रिया में है, जो जून 2026 तक पूरी होगी। तब तक तकनीकी रूप से गिरफ्तारी अनिवार्य है।
हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्जिजार्टो ने स्पष्ट कहा, “हम पुतिन का सम्मानपूर्वक स्वागत करेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि वे हंगरी में प्रवेश करें, सफल वार्ता करें और सुरक्षित लौटें। इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए।” ऑर्बन सरकार ने अप्रैल में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भी स्वागत किया था। वे भी आईसीसी वारंट के अधीन हैं।
फिर भी, जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी, “हंगरी को आईसीसी वारंट का पालन करना चाहिए।” एक वरिष्ठ ईयू राजनयिक ने गुमनाम रहते हुए कहा, “अगर पुतिन उतरते हैं, तो गिरफ्तारी होनी चाहिए।” ईयू आयोग ने कहा कि पुतिन पर यात्रा प्रतिबंध नहीं है, लेकिन संपत्ति फ्रीज है। शांति के लिए हवाई क्षेत्र में छूट संभव है, लेकिन यह कूटनीतिक संकट पैदा कर सकता है।
बुडापेस्ट पहुंचना पुतिन के लिए आसान नहीं। उनका विमान पोलैंड, रोमानिया या स्लोवाकिया जैसे आईसीसी सदस्य देशों के हवाई क्षेत्र से गुजरना पड़ेगा, जहां गिरफ्तारी का जोखिम है। वैकल्पिक रास्ते- जैसे सर्बिया या यूक्रेन भी जोखिम भरे हैं। ईयू अधिकारियों का कहना है कि शांति के लिए छूट दी जा सकती है, लेकिन जर्मनी और अन्य देश इसका विरोध कर सकते हैं।
एक सूत्र ने कहा, “ट्रंप-पुतिन को यूरोपीय क्षेत्र में लाकर आईसीसी को मजबूर कर रहे हैं। अगर हंगरी गिरफ्तारी से इनकार करता है, तो ईयू में फूट पड़ेगी।” सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं: क्या यह ट्रंप की “शांति रणनीति” है या पुतिन को फंसाने का जाल? एक्स पर यूजर्स का कहना है कि ऑर्बन का आईसीसी से बाहर निकलना “पुतिन के लिए सुरक्षित मार्ग” था।
यूरोपीय आयोग का कहना है कि वह यूक्रेन में शांति स्थापित करने वाली किसी भी पहल का समर्थन करता है- भले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आईसीसी की गिरफ्तारी वारंट के तहत हों। ईयू प्रवक्ता ओलोफ गिल ने कहा कि अगर बुडापेस्ट में ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन से शांति की दिशा में मदद मिलती है, तो यूरोपीय संघ उसका स्वागत करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बैठक के बारे में आयोग से आधिकारिक तौर पर संपर्क नहीं किया गया है। इस बीच, हंगरी पर पुतिन की मेजबानी को लेकर दबाव बना हुआ है।