आजकल दिल की बीमारियां लगभग हर उम्र के लोगों में सामान्य बात हो गई है. दिल की बीमारियों में खर्च काफी ज्यादा आता है. इससे संबंधित सामान्य बीमारियों में भी लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं, जो कि मध्यमवर्गीय लोगों के लिए भी एक बड़ी बात होती है. लोग अब इस तरह के बड़े खर्चों से निपटने के लिए पहले से प्लानिंग करने लगे हैं. अगर आपके पास इस तरह की बीमारियों से निपटने के लिए एक सही कार्डियक प्लान है, तो ऐसे संकट के समय में आपको कम से कम पैसों की दिक्कत नहीं होगी. कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां इन दिनों खास कार्डियक प्लान पेश कर रही हैं. कार्डियक प्लान की लागत हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार या क्रिटिकल इलनेस कवरेज और उन फीचर्स पर निर्भर करती है जिन्हें आप खरीदना चाहते हैं.
“एक्यूट हार्ट डिसॉर्डर जैसे रिफ्रेक्ट्री हार्ट फेल्योर को कार्डियक हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के तहत कवर किया जाता है. इस तरह के प्लान्स में शामिल अन्य बीमारियों में Myocardial Infarction, हार्ट अटैक, कार्डियोमायोपैथी आदि शामिल हैं. इन बीमारियों के इलाज में होने वाले बड़े खर्चों से निपटने के लिए दिल के मरीजों को हेल्थ इंश्योरेंस प्लान जरूर खरीदना चाहिए.”
हालांकि, दिल की बीमारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदते समय आपको थोड़ी सावधानी भी बरतनी चाहिए. आप इस बात की जांच जरूर कर लें कि जिस प्लान को आप खरीदने जा रहे हैं, उसमें इन कवरेज को शामिल किया गया है या नहीं:
आप हार्ट इंश्योरेंस कवर के साथ कार्डियक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान या क्रिटिकल इलनेस प्लान भी खरीद सकते हैं. ऐसा करते समय आपको इस बात की जांच कर लेनी चाहिए कि आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में इन कवरेज को शामिल किया गया है या नहीं:
कार्डियक प्लान सिर्फ दिल से संबंधित बीमारियों को ही कवर नहीं करती, बल्कि यह मेडिक्लेम पॉलिसी में शामिल सभी बीमारियों के लिए हॉस्पिटलाइजेशन संबंधी खर्च को कवर करती हैं.