आपको बता दें कि अध्ययन में यह भी कहा गया है कि डे केयर (माता-पिता की अनुपस्थिति में बच्चों की देखरेख करने वाले संस्थान) में रहने, नम घरों में रहने या अधिक यातायात वाले क्षेत्रों के पास रहने जैसे कारकों की वजह से भी छोटे बच्चों में श्वसन संक्रमण का खतरा अधिक होता है। जबकि स्तनपान कराने से इसका जोखिम कम हो जाता है। यह अध्ययन इटली के मिलान में यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में सोमवार को प्रस्तुत किया गया। डेनमार्क स्थित कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के निकलस ब्रस्टैड द्वारा प्रस्तुत अध्ययन में 663 बच्चों और उनकी मांओं को शामिल किया गया। माताएं गर्भावस्था से लेकर अपनी संतानों के तीन साल का होने तक शोध में शामिल रहीं। श्वसन संक्रमण अधिक हुए।
वैसे तो अस्थमा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। किसी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर तुरन्त सम्पर्क करें। अस्थमा को नियंत्रित करने में दवा का नियमित सेवन जरूरी है। इसके अलावा इंहेलर थेरेपी सही ढंग से लेना भी जरूरी है। अस्थमा के लिए इंहेलर्स सबसे अच्छी दवा है। इंहेलर्स से दवा सीधे फेफड़ों में पहुंचती है, जिससे पीड़ित को आराम महसूस होता है। यह सीरप के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है।