घी के बारे में आप क्या जानते हैं? यही न कि ज्यादा घी खाने से आपको कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं और तो और आपका वजन भी बढ़ सकता है। लेकिन आज भी बहुत से घरों में या फिर कहें कि उत्तर भारत में हर पारंपरिक व्यंजन को तैयार करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। नवरात्र के दिनों में बनाया जाने वाला हलवा हो या फिर घर में बनाई जाने वाली दाल मक्खनी और तो और नानी के घर पर चपाती पर लगने वाला घी आज भी अपनी एक अलग जगह बनाए हुए है।
ये बात सही है कि खाने में एक चम्मच घी डालने से खाने का स्वाद ही बदल जाता है। अगर आयुर्वेद की मानें तो घी के ढेर सारे औषधीय लाभ भी हैं और तो और इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है। इसके अलावा एक बात ये भी है कि घी में सैच्यूरेटेड फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। यही भ्रम की स्थिति लोगों को परेशान करती है लेकिन इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आपको घी खाना चाहिए या फिर इससे बचना चाहिए? आइए जानते हैं आखिर क्या कहती है साइंस।
मौजूदा वक्त में भले ही आप घी का सेवन क्यों न कम कर रहे हों लेकिन घी एक ऐसी चीज है, जिसका इस्तेमाल सदियों से खाना पकाने के लिए होता आ रहा है। हमारे बड़े-बुजुर्ग भी कई बरसों से घी का इस्तेमाल करते हैं और उन्होंने लंबा व हेल्दी जीवन जिया है। यही कारण है कि घी आज भी हमारी रसोई में मौजूद है और एक हेल्दी फूड की निशानी है। घी का नियमित सेवन न सिर्फ आपकी त्वचा को बेहतर बनाने में मदद करता है बल्कि आपके शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ आपकी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है। घी में विटामिन ई, ए, सी, डी, के और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इसे सेहतमंद बनाने में मदद करते हैं। बस चिंता की बात यही है कि इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
न्यूट्रिशिनिस्ट रेणुका रखीजा ने एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में बताया है कि अगर आप ज्यादा मात्रा में सैच्यूरेटेड फैट का सेवन करते हैं तो ये आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल बनाने का काम करता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं जन्म लेती हैं। इसके अलावा सैच्यूरेटेड फैट आपके एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है, जो हृदय रोग और स्ट्रोक का एक और जोखिम कारक है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि अगर आप शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का सेवन करते हैं तो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बनने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती हैं जबकि लॉन्ग फैटी एसिड से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।
यही कारण है कि घी हानिकारक माना जाने लगा है क्योंकि इसमें लॉन्ग चैन फैटी एसिड होता है। अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते हैं और कार्ब का ज्यादा सेवन करते हैं तो शरीर में इंसुलिन की अधिक मात्रा हो जाती है, जिस कारण आपका फैट बढ़ जाता है।
इस स्थिति में अगर आप थोड़ा भी सैच्यूरेटेड फैट लेते हैं तो भी ये आपके लिए अनहेल्दी होता है और तो और कुछ लोगों में यह वजन बढ़ाने का कारण बन जाता है।
कुल-मिलाकर कहानी ये है कि घी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है ये आमतौर पर व्यक्ति दर व्यक्ति निर्भर करता है। इसके अलावा आपका स्वास्थ्य कैसा है और घी की मात्रा ही इसे आपके लिए हेल्दी और अनहेल्दी बनाती है। अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं और आपका मेटाबॉलिज्म दुरुस्त है या फिर हेल्दी हैं और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी कोई शिकायत नहीं है तो आप घी का सेवन कर सकते है। अगर ये सारी दिक्कते हैं तो आपको दूसरे विकल्प तलाशने चाहिए।