अहमदाबाद. गुजरात में पिछले कुछ महीनों से फर्जी अधिकारियों का खेल चल रहा है. हालांकि, गिरफ्तारियां भी हो रही हैं, लेकिन नकली बनकर असली नोट कमाने का गेम जारी है. ऐसा ही एक और बड़ा मामला सामने आया है. खबर के मुताबिक, मेहुल शाह नाम का शख्स कथित तौर पर नकली आईएएस अधिकारी बनकर लोगों को ठगता था. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
खबर के मुताबिक, 29 साल का आरोपी मेहुल शाह पेशे से एक इंजीनियर है. वह मोरबी जिल के वांकानेर में दो स्कूल भी चलाता है. उस पर फर्जी दस्तावेजों और लोगों को फंसाकर उनसे लाखों रुपये कमाने का आरोप है. वह लोगों से कथित तौर पर कहता था कि, वह एक वरिष्ठ राजस्व अधिकारी है. इतना ही उसने लोगों को फंसाने के लिए खुद को अलग-अलग सरकारी विभाग का अधिकारी बताता था और फर्जी पत्रों का इस्तेमाल करता था.
राज्य या केंद्र सरकार में कोई आधिकारिक पद नहीं होने के बावजूद, मेहुल शाह ने लोगों से लाखों रुपये ठगने के लिए फर्जी वर्क परमिट और एनओसी का इस्तेमाल किया.
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच पीआई जेके मकवाना ने कहा कि, मेहुल शाह ने शिकायतकर्ता के बेटे को एक सरकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया. यहां उसने खुद को एक स्कूल ट्रस्टी के रूप में भी पेश किया. साथ ही उसने स्कूल भवन की पेंटिंग के लिए एक व्यक्ति को 7 लाख रुपये का भुगतान भी नहीं किया.
एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि, आरोपी महुल शाह ने खुद को राजस्व विभाग का वरिष्ठ अधिकारी बताया था. उसने किराए के वाहन में सायरन और पर्दे लगाने के लिए 'विज्ञान और अनुसंधान विकास विभाग" के अध्यक्ष का फर्जी पत्र भी पेश किया, लेकिन काम के लिए भुगतान नहीं किया.
आरोपी ने शिकायतकर्ताओं को धोखा देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और अहमदाबाद डीईओ से होने का दावा करने वाले फर्जी पत्रों का इस्तेमाल किया. पुलिस ने आरोपी के पास से ''भारत गौरव रत्न श्री सम्मान परिषद'' अध्यक्ष विज्ञान एवं अनुसंधान विकास विभाग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और ''सड़क एवं भवन विभाग'' के फर्जी आइडेंटिटी कार्ड और पत्र बरामद किए हैं.
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी के तीन पीड़ितों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. हम लोगों से अपील करते हैं कि अगर उन्हें आरोपी मेहुल शाह द्वारा किसी भी तरह से धोखा दिया गया है तो वे आगे आएं और अपनी शिकायत दर्ज कराएं. फिलहाल आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है.