प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केन्द्र सरकार की किसानों के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं में से एक बड़ी है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये हर 4 माह में 3 किस्तों में 2,000-2000 रुपये करके दिए जाते है। अब तक मोदी सरकार द्वारा किसानों को 14 किस्तें भेजी जा चुकी है और अब 15वीं किस्त जारी की जाने की तैयारी है।
योजना के नियमानुसार, पहली किस्त अप्रैल-जुलाई के बीच , दूसरी अगस्त से नवंबर के बीच और तीसरी किस्त दिसंबर से मार्च के बीच दी जाती है, ऐसे में संभावना है कि दिवाली के बाद 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 30 नंवबर से पहले अगली किस्त के 2000-2000 रुपए खातों में भेजे जा सकते है।हालांकि फाइनल डेट को लेकर अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
इन 3 दस्तावेजों के बिना नहीं मिलेगी राशि
ध्यान रहे 15वीं किस्त का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने eKYC, भू सत्यापन और आधार लिंक की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। अगर आप ये नहीं करवाते हैं, तो आपकी किस्त अटकना तय है। अगली किस्त पाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी, भू-सत्यापन और आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होना अनिवार्य है, वरना पैसा नहीं मिलेगा।वही आपके फॉर्म में किसी प्रकार की कोई गलती है या बैंक खाता संख्या गलत है, तो आपकी किस्त अटक सकती है।
पीएम किसान योजना संबंधी किसी भी तरह की समस्या पर किसान ईमेल आईडी pmkisan-ict@gov.in पर संपर्क कर सकते हैं। पीएम किसान योजना के हेल्पलाइन नंबर- 155261 या 1800115526 (Toll Free) या फिर 011-23381092 के जरिए कॉन्टेक्ट कर सकते हैं।
क्या पति-पत्नी दोनों को मिलेगा योजना का लाभ?
पीएम किसान योजना को लेकर अक्सर ये सवाल सामने आते है कि क्या पीएम किसान योजना में पति-पत्नी या पिता पुत्र या फिर परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को सम्मान निधि की राशि का लाभ मिल सकता है, क्या एक से अधिक सदस्य इसके लाभार्थी हो सकते हैं? तो इसका जवाब है ना।
चुंकी सरकार के नियमों के मुताबिक PM KISAN योजना का लाभ परिवार के एक ही सदस्य को मिल सकता है। वही अगर परिवार में पति-पत्नी या फिर पिता पुत्र या एक से ज्यादा सदस्यों को इस स्कीम का लाभ मिला है, तो उनसे राशि वसूल की जा सकती है, क्योंकि ऐसे लोग इस किसान सम्मान निधि के लिए पात्र नहीं हैं। केंद्र सरकार ने भी कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि पीएम किसान योजना का लाभ एक किसान परिवार में सिर्फ एक शख्स को ही दिया जाता है।
कैसे कराएं ईकेवाईसी?
पीएम किसान योजना की अधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
फार्मर कॉर्नर के तहत ‘e-KYC’ विकल्प पर क्लिक करें.
अब आधार नंबर प्रोवाइड कराएं.
इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, जिसे सबमिट कर दें.
PM KISAN – लिस्ट में चेक करें अपना नाम
- आपको सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि की अधिकारिक वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं और आपको पोर्टल पर शो हो रहे Know Your Status के ऑप्शन को सेलेक्ट करना है.
- यहां अपना रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज कराएं, अगर आपके पास रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है तो आप Know your registration no.के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- इसके बाद अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा दर्ज करना है। अब आपके पास एक ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर पता चल जाएगा.
- रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करने के बाद आपको अपना स्टेटस पता चल जाएगा।अगर आप अपने साथ अपना गांव के लोगों का नाम भी देखना चाहते हैं तो आपको पीएम किसान के पोर्टल पर जाकर Beneficiary List के विकल्प को सेलेक्ट करना है.
- इसके बाद आपको अपना राज्य,जिला, ब्लॉक और गांव का नाम दर्ज करना है। Beneficiary List को डाउनलोड करके देख सकते हैं कि आपके नाम के साथ गांव में और किस व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिल रहा है.
ये योजना के लिए अपात्र
- सभी संस्थागत भूमिधारक इस योजना का फायदा नहीं ले सकते।वे किसान परिवार जिसमें एक या अधिक सदस्य निम्नलिखित श्रेणियों से संबंधित हैं, वे इस योजना का फायदा नहीं उठा सकते। संवैधानिक पदों पर हैं या पहले रहे हों.
- पूर्व और वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री, राज्य सभा/राज्य विधानसभाओं/लोकसभा/राज्य विधान परिषदों के पूर्व या वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष.
- 10,000 रुपये या इससे अधिक की पेंशन पाने वाले सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी (मल्टी टास्किंग कर्मचारियों को छोड़कर).
- पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट और आर्किटेक्ट भी पीएम किसान योजना का लाभ नहीं ले सकते.
- वे सभी व्यक्ति जिन्होंने पिछले असेसमेंट ईयर में आयकर का भुगतान किया था, वे भी योजना का फायदा नहीं उठा सकते.
- केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी, केंद्रीय या राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और सरकार के अधीन संबद्ध कार्यालयों/स्वायत्त संस्थानों के साथ-साथ स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ/lV क्लास/ग्रुप डी कर्मचारी को छोड़कर.