दिल्ली :
दिल्ली का कंझावला मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी आईपीएस शालिनी सिंह से फोन पर बात की और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है। इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट शालिनी सिंह गृह मंत्रालय को देंगी। एक शीर्ष अधिकारियों की टीम ने मंगलवार तड़के जनौती गांव का दौरा किया। युवती का दो जनवरी को पोस्टमार्टम हो गया था। आज उसकी रिपोर्ट आ सकती है।
इस पोस्टमlर्टम को उपेंद्र किशोर के नेतृत्व में तीन डॉक्टर्स की टीम कर रही थी। दिल्ली के कंझावला में 31 दिसंबर की रात स्कूटी सवार एक युवती को कार से टक्कर मारी दी थी। हादसे के बाद भी नशे में धुत्त कार सवार युवकों ने कार नहीं रोकी और कार में फंसी युवती को कई किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए। इस हादसे में युवती की दर्दनाक मौत हो गई। कार में सवार पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर दिल्ली की रोहिणी अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने पांचों आरोपियों मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन को तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। गृह मंत्रालय के दखल के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच और तेज कर दी है।
नये साल के जश्न और पुराने साल को विदा के खुमार में डूबी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कंझावला में कार में 10-12 किलोमीटर तक एक युवती को घसीटते हुए ले जाने की दर्दनाक खबर ने एक बार फिर से निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी थीं। कंझावला कांड कितना भयावह रहा होगा, इसकी कल्पना इसी बात से की जा सकती है कि लगभग 12 किमी. घसीटे जाने के बाद युवती की हड्डियों का चूरमा बन गया था और शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं बचा था। नृशंसता की हाइट वाली इस घटना के बाद अब एक चश्मदीद गवाह ने दिल्ली पुलिस पर सवालिया निशान लगा दिये हैं। मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक कंझावला कांड के चश्मदीद गवाह दीपक दहिया लाडपुर गांव के कंझावला रोड पर हलवाई की दुकान चलाते हैं। चश्मदीद गवाह ने मीडिया को बताया कि जिस कार ने युवती को घसीटा, उसके टायर से फटने जैसी आवाज आ रही थी, क्योंकि उसके नीचे एक लाश थी। मुझे पता नहीं चल पा रहा था कि लाश किसकी हैं, क्योंकि अंधेरा था। उसने सुबह लगभग 3 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली पुलिस को फोन किया और खुद स्कूटी से कार का पीछा करना शुरू कर दिया था।
बकौल चश्मदीद वह इस घटना का गवाह इसलिए बन पाया क्योंकि उसने तड़के ही दुकान खोल ली थी। चश्मदीद गवाह का कहना है कि कार के नीचे लाश होने की आशंका पर उसने पुलिस को 112 नंबर पर फोन कर बताया कि एक ग्रे कलर की बलेनो कार में डेड बॉडी फंसी हुई है। उसके फोन 3-4 मिनट बाद पीसीआर का कॉलबैक आया और गाड़ी की लोकेशन पूछी गयी। पूछा कि गाड़ी कहां जा रही है, मगर चश्मदीद गवाह अंधेरे के कारण कार का नंबर नहीं देख पाया था। बकौल चश्मदीद 3 बजकर 30 मिनट पर फिर से उसने उसी कार को देखा, जिसके नीचे लाश घिसट रही थी। गाड़ी एकबार फिर दुकान के पास से यू-टर्न लेकर गुजरी। वो गाड़ी जब आ रही थी तो चश्मदीद ने फिर वैसी ही आवाज सुनी जैसी पहली बार आ रही थी। गाड़ी की एलईडी लाइट सफेद कलर की थी। फिर से उसने पीसीआर को फोन करके सूचित किया कि वही गाड़ी कंझावला की तरफ जा रही है और खुद कार का पीछा करना शुरू कर दिया।
दीपक दहिया, आरोपी बार-बार यू-टर्न लेकर लगभग 4-5 किलोमीटर की सड़क पर गाड़ी चलाते रहे, मैंने उन्हें कई बार रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कार को नहीं रोका। करीब डेढ़ घंटे तक वे लड़की के शव को करीब 20 किमी तक घसीटते रहे। करीब डेढ़ घंटे बाद कंझावला रोड पर ज्योति गांव के पास शव कार से गिर गया, जिसके बाद आरोपी फरार हो गए। यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं हो सकती। इस मामले पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा किया है। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी पीड़िता की लाश का पोस्टमार्टम कराने की मांग उठायी है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने बयान दिया है कि हो सकता है पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया गया हो। पीड़िता की मां ने आरोप लगाये हैं कि उनकी बेटी के साथ दरिंदगी के बाद नृशंस मौत दी गयी। युवती की मां का दावा है कि कार में सवार युवकों ने उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया, जिसके कारण उसका शव निर्वस्त्र मिला। हालांकि पुलिस ने इस आरोप का खंडन किया है। अब तक पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी की है।