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किस तरह संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया? कोई भी भारतीय कभी नहीं भूलेगा : पीएम मोदी

दिल्ली Published by: paliwalwani Updated Fri, 27 Jun 2025 12:16 AM
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नई दिल्ली.

देश में 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए कहा कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। यह वो वक्त था जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लाेकतंत्र को बंधक बना लिया था।

संसद की आवाज दबाई गई 

पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी भारतीय कभी नहीं भूल सकता कि किस तरह हमारे संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया। संसद की आवाज दबाई गई और अदालतों को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। 42वां संशोधन उनकी हरकतों का एक प्रमुख उदाहरण है। गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों को खास तौर पर निशाना बनाया गया, जिसमें उनकी गरिमा का अपमान भी शामिल है।

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को नमन 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। ये लोग पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। उनका लक्ष्य था भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने यह सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े। जिसमें वे बुरी तरह हार गए।

गरीबों और वंचितों के सपने पूरे करेंगे 

पीएम ने लिखा कि हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने तथा विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं तथा गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करेंगे।

स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला दौर 

बता दें कि 25 जून 1975 की मध्यरात्रि से ठीक पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने गांधी की सलाह पर उद्घोषणा जारी की थी, जिसे बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया था। इस दौरान कई नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया और प्रेस की आजादी पर भी अंकुश लगा दिया गया था। 21 महीने तक लागू रहे आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला दौर माना जाता है।

आपातकाल पर क्या बोले सिंधिया? 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आपातकाल को याद करते हुए परोक्ष रूप से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि जो लोग संविधान की प्रति लेकर ‘‘घूमते’’ हैं, उस कांग्रेस के नेताओं से हर साल 25 जून को ‘‘पश्चाताप’’ करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने आपातकाल जैसे हठधर्मी निर्णय लेकर संविधान को तार-तार किया, जबकि आज भाजपा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।’’

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