'करी एंड साइनाइड - द जॉली जोसेफ केस' का ट्रेलर 13 दिसंबर को जारी कर दिया गया है. 22 दिसंबर से नेटफ्लिक्स पर यह फिल्म रिलीज होगी. यह केरल के कोझीकोड़ की एक सच्ची घटना पर आधारित मर्डर मिस्ट्री है. मन में सवाल उठना लाजमी है कि आखिरी केरल में ऐसा क्या हुआ था, जिसपर यह फिल्म बनाई जा रही है. जानिए इसके बारे में विस्तार से .
यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म कूडाथायी साइनाइड केस पर आधारित है, जहां एक प्रोफेसर ने दो साल की बच्ची सहित अपने परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी थी. सभी को साइनाइड के माध्यम से जहर देकर मौत के घाट उतारा गया. इस कहानी की मुख्य किरदार जॉली जोसेफ हैं, जिन्होंने साल 2002 और 2016 के बीच ये सुनियोजित हत्याएं की. किसी को भी उनपर शक नहीं हुआ.
कूडाथाई मर्डर केस केरल के कोझिकोड जिले के कूडाथाई के निवासी जॉली जोसेफ की सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध हत्याओं पर केंद्रित है. केवल 12वीं पास जोसेफ कोझिकोड़ एनआईटी में प्रोफेसर के रूप में काम करने में कामयाब रही. समाज को धोखा देते हुए वो एक-एक कर अपने ही परिवार के सदस्यों की हत्याएं करती रही.
आरोप है कि जॉली जोसेफ ने धोखे से परिवार की संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करने के इरादे से उनकी हत्याएं की. पीड़ितों में उनके पति रॉय थॉमस, सास अन्नम्मा थॉमस, ससुर टॉम थॉमस, अन्नम्मा के भाई मैथ्यू मंचाडियिल, जॉली के दूसरे पति शाजू की पहली पत्नी सिली और उनकी बेटी अल्फिने शामिल हैं. सभी को साइनाइड देकर मौत के घाट उतारा गया.
मामला तब सामने आया जब ससुर टॉम थॉमस के दूसरे बेटे रोजो थॉमस ने 2019 में मौतों पर संदेह व्यक्त करते हुए शिकायत दर्ज की. कोझिकोड ग्रामीण एसपी केजी साइमन आईपीएस के निर्देशन में पुलिस ने जांच शुरू की. प्रारंभिक निष्कर्षों में मौतों के पीछे विसंगतियां सामने आई, जिसके बाद ने पुलिस को परिवार के सदस्यों की कब्र खोलनी शुरू की.
कब्र से शव बाहर निकालकर उनका पोस्टमार्टम किया गया तो यह साबित हुआ कि ये मौते सामान्य नहीं थे. सभी की हत्या की गई थी. जॉली जोसेफ को एक विस्तृत जांच के बाद 2019 में गिरफ्तार किया गया. जॉली से पूछताछ में पता चला कि उसे साइनाइड की सप्लाई रिश्तेदार एम.एस. मैथ्यू किया करते थे. सुनार प्राजीकुमार से साइनाइड प्राप्त कर मैथ्यू जॉली को उपलब्ध कराता था
खास बात यह है कि छह हत्या करने के बावजूद जॉली जोसेफ पांच मामलों में अपने प्रभाव के चलते मृतकों के पोस्टमार्टम नहीं कराने में सफल रही. केवल रॉय थॉमस का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद उसपर शक गहराने लगा. उसने इतनी सफाई से हत्याएं की कि कोई उस तक इतने सालों में नहीं पहुंच सका.