भोपाल. कर्मचारियों की पदोन्नति और एरियर्स संबंधी मांगों के निराकरण के मामले में सरकार और कर्मचारी संगठन फिर आमने सामने होंगे.कर्मचारियों के संगठन द्वारा समय देने और संवाद के लिए मौका देने के बाद भी सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किए जाने और कर्मचारी संगठनों से संवाद नहीं करने पर कर्मचारी संगठनों फिर आंदोलन की रणनीति बनाने का फैसला किया हैं.
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मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि मोर्चा द्वारा विगत माह में तीन चरणों में आंदोलन कर चुका हैं. लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की मांग पर ध्यान केंद्रित नहीं किया हैं. जिसके फलस्वरूप 29 जुलाई 2021 को प्रमुख मांगों जैसे 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति आदि को लेकर प्रभावी रूप से सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया जाना शामिल हैं.
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वेतन वृद्धि का आदेश तो सरकार ने जारी किया किन्तु एरियर्स की राशि को लंबित रखा गया हैं. संयुक्त मोर्चा ने सरकार को मांगों के निराकरण के लिये पर्याप्त समय दिया ताकि सरकार कर्मचारी संगठनों से संवाद कर पदोन्नति एवं महंगाई भत्ता जैसे गंभीर विषयों पर निर्णय ले सके. किंतु शासन ने कोई आदेश जारी नहीं किया और न ही कर्मचारी संगठनों से संवाद किया. इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार प्रदेश के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मांगो के प्रति गंभीर नहीं है. ऐसी स्थिति में प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने इंदौर मेरी पहचान को आगे बताया कि 8 सितंबर 2021 को संयुक्त मोर्चा की बैठक लघु वेतन कर्मचारी संघ के प्रदेश कार्यालय में सायं 5 : 00 बजे आयोजित की जाएगी. इस बैठक में आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार कर सरकार को नोटिस दिए जाने का निर्णय लिया जायेगा. इस बार की लड़ाई आर-पार की होगी. सरकार जागे और कर्मचारियों के लंबित मामले हल कर उनका हक प्रदान करें.
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