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भोपाल : महिला IAS विवादों में : व्हाट्सएप पर लिखी पोस्ट से मचा बवाल : अब मैं तुम्हें देखता हूं

भोपाल Published by: Paliwalwani Updated Sun, 17 Jul 2022 01:11 AM
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भोपाल : मध्यप्रदेश कैडर की IAS अफसर नेहा मारव्या वॉट्सऐप पोस्ट के बाद फिर विवादों में आ गई हैं. इस बार उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. 2011 बैच की IAS नेहा मारव्या ने महिला IAS के वॉट्सऐप ग्रुप पर पोस्ट शेयर करते हुए अपने साथ हुए व्यवहार के बारे में बताया. उन्होंने लिखा- रस्तोगी के पास वे पदभार ग्रहण करने गईं, तो उन्होंने बहुत परेशान किया गया. रस्तोगी ने कमरे में घुसने से मना कर दिया. वहां पहुंचने पर पीए के सामने ही गेट आउट कहकर फटकार लगाई.

आईएएस निधि सिंह के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश में एक और महिला आईएएस विवादों में घिर गई हैं. मध्यप्रदेश कैडर की 2011 बैच की आईएएस नेहा मारव्या की व्हाट्सएप पर लिखी पोस्ट से बवाल मच गया है. मारव्या ने महिला आईएएस अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के पास जब वे पदभार ग्रहण करने गई तो उन्होंने बहुत जलील किया. इतना ही नहीं, रस्तोगी ने कहा कि वे उनके कमरे में नहीं आए, उन्होंने पीए के सामने गेटआउट कहा. साथ ही कहा कि मैंने तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा है और कोई काम नहीं दूंगा. इसके बाद रस्तोगी ने धमकाते हुए कहा कि अब मैं तुम्हें देखता हूं.

व्हाट्सएप पर मारव्या की आपबीती

‘यह पहला मौका है जब यह ग्रुप में मैं अपनी बात शेयर कर रही हूं. यदि मैंने अब भी शेयर नहीं किया और चुप रही तो महिला, आईएएस और मानव होने के नाते शर्म आएगी. यह ग्रुप महिला आईएएस अधिकारियों का है. इस वजह से वे मुझे अच्छे से गाइड कर सकेंगी और मेरी मदद भी कर सकेंगी. मैं मनरेगा में एडिशनल सीईओ के तौर पर पदस्थ थी. मैं 4 जुलाई 2022 से 7 जुलाई 2022 तक अवकाश पर थी. 7 जुलाई 2022 की शाम को मुझे सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव की ओर से कॉल आया कि मेरा तबादला राजस्व विभाग में उप सचिव के तौर पर कर दिया है. इसके बाद 8 जुलाई 2022 को मैं मनरेगा से रिलीव होने पहुंच गई.

वहां से प्रक्रिया पूरी कर वल्लभ भवन पहुंच गई. जब मैं मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के चैंबर में गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके चैंबर में नहीं आ सकती हूं. उनके पास मुझे देने के लिए कोई काम भी नहीं है. मैंने तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा है. अब मैं तुम्हें देखता हूं. मैंने जब उनसे अपनी गलती पूछी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. फिर मुझसे कहा कि मुझे बोलने का कोई हक नहीं है. फिर मैंने उनसे निवेदन किया कि मनरेगा के वाहन से मैं आई थी वो मैनें वापस कर दिया है. लिहाजा, मुझे किसी वाहन से घर भिजवा दें तो उन्होंने वाहन देने से इन्कार कर दिया.

जब मैने उनसे पूछा कि मैं घर कैसे जाउंगी तो उन्होंने बोला कि स्टाफ से पूछ लो कि वो लोग वल्लभ भवन से घर कैसे जाते हैं. इसके बाद उन्होनें अपने पीए को बुलाकर मुझे उसके सामने जलील करते हुए मुझे गेट आउट कहा. इसके बाद उप सचिव ने मेरे लिए वाहन उपलब्ध कराने की कोशिश तो प्रमुख सचिव ने उसे भी फटकार लगाकर ऐसा करने से रोक दिया. अब मुझे क्या इस मामले में चुप रहना चाहिए.

जब पीएस के पास मेरे लिए कोई काम नहीं था तो उन्होंने मुझे अपने अंडर में क्यों बुलवाया. क्या उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए रखा है. राजस्व विभाग में मेरे कोई कॉल रिसीव नहीं कर रहा है. न कोई मैसेज के जवाब दे रहा है और न कोई वाहन दिया गया है. वल्लभ भवन के सुरक्षा गार्ड मुझे घर छोड़ने जा रहे हैं. मेरे पास अब कहने के लिए कुछ नहीं बचा है. बहुत दुखद है.

रिटायर्ड महिला अधिकारी समर्थन में आईं

इसके बाद रिटायर्ड IAS अधिकारी भी उनके समर्थन में आ गईं। उन्होंने लिखा कि तुम सही के लिए लड़ाई लड़ो, मैं तुम्हारे साथ हूं। वहीं, इस मामले में एक अन्य महिला IAS अधिकारी ने लिखा कि इस तरह सोशल मीडिया ग्रुप में यह सब बातें लिखना सही नहीं है।

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