एप डाउनलोड करें

भोपाल अपडेट : शिक्षा मंत्री के बेतूके बोल वचन, पालक संगठन ने कहा हम बच्चों के पालक हैं, कोई गुंडे नहीं

भोपाल Published by: paliwalwani.com Updated Thu, 01 Jul 2021 06:17 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

भोपाल. देश भर में मध्य प्रदेश की छवि को धूमिल करने वाले शिव सरकार के मंत्री अपनी हरकतों और बेतूक बयानों के कारण आज-कल चर्चा का केंद बने हुए हैं, शिवराज की खामोशी ने ओर मंत्री महोदय के तेवर ओर तीखे कर दिए. कोई भी मंत्री सीधे रूप से बात नहीं कर रहा है, सभी अंहकार की भाषा बोल रहे हैं. मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  इंदर सिंह परमार पालकों को बेतूका व्यवहार करने में लगे हुए हैं. मंत्री अपनी गलती मानने के लिए तैयार नहीं है. उक्‍त घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गलती हो गई, पालकों पर एफआइआर दर्ज कराई जानी चाहिए थी. स्कूल फीस को लेकर सरकार ने उचित प्लेटफार्म बनाया हैं. वहां उनकी बात की जाएगी. सूत्रों के अनुसार मंत्री महोदय निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायत को लेकर बैकफुट पर भी आ गए हैं, चौतरफा विरोध होने के बाद उनके रवैया नरम लेकिन अभी अंहकार की भाषा बोल रहे हैं. वही पालक संगठन की मांग पर जवाहरलाल नेहरू स्कूल में बच्चों की फीस में 63 फीसद वृद्धि मामले में जांच बैठा दी. मामला ये है कि अभिभावक संगठन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जवाहरलाल नेहरू स्कूल भेल प्रायमरी विंग गोविंदपुरा तथा जवाहरलाल नेहरू स्कूल भेल सीनियर विंग हबीबगंज भोपाल ने कोरोना संक्रमण के दौरान लगभग 63 फीसद फीस बढ़ा दी हैं. विद्यालय द्वारा तीन सत्रों में लिए गए शुल्क का परीक्षण कराकर इसकी जांच रिपोर्ट दो दिन में देने के लिए कहा गया हैं. वहीं इस दौरान पालक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमल विश्वकर्मा ने पालीवाल वाणी को बताया कि यह अफसोस की बात है कि शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार इस तरह के बेतूके बयान दे रहे हैं. जबकि वे खुद एलएलबी डिग्रीधारी हैं. हम लोग बच्चों के पालक हैं, कोई गुंडे नहीं हैं. मंत्री जी को अपना व्यवहार सुधारना पड़ेगा. और पालक संगठन से माफी भी मांगे. पालक संघ की मांग थी कि स्कूल बंद होने के बाद भी एक अप्रैल से आनलाइन कक्षाओं की फीस वसूली जा रही है। यह फीस कम की जाए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा.

बता दे. मंत्री ने कहा कि मेरे सामने नेतागिरी नहीं चलेगी। कैबिनेट बैठक में जल्दी पहुंचने का हवाला देकर वे जाने लगे...पालक संघ ने पूछा कि हम मर जाएं क्या...! इसके जवाब में मंत्री ने तत्काल कहा कि मरना है तो मर जाओ... जो करना करो... लेकिन नेतागिरी मत करो... इतना कहकर मंत्री अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए... इसके बाद पालक संघ ने गुस्से में आकर मंत्री के इस बयान का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया. वही कांग्रेस ने भी मौन धारण कर लिया. जबकि ऐसे मामले में तत्काल एक बड़ा आंदोलन कर मंत्री से इस्तीफा मांगकर शिवराज सरकार को घेरना था लेकिन मौका हाथ से गंवा दिया.

ये खबर भी पढ़े. मंत्री का अंहकार : प्रायवेट स्कूलों की शिकायत करने पहुंचे अभिभावकों से मंत्री ने कहा मरना है तो मर जाओ

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next