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पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ने की संभावना...! : नई कार खरीदने का है प्लान, तो जल्दी खरीद लें

ऑटो - टेक Published by: Paliwalwani Updated Mon, 10 Oct 2022 01:02 AM
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अगले साल अप्रैल 2023 से सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने वाले हैं. इसके मुताबिक अपने वाहनों को अपडेट करने पर वाहन बनाने वाली कंपनियों का निवेश बढ़ने से पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ने की संभावना है. नई कार खरीदने का है प्लान? तो जल्दी खरीद लें, आने वाले महीनों में बढ़ सकती हैं कीमतेंपैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ने की संभावना है.

अगले साल अप्रैल से सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने वाले हैं. इसके मुताबिक अपने वाहनों को अपडेट करने पर वाहन बनाने वाली कंपनियों का निवेश बढ़ने से पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ने की संभावना है. भारतीय वाहन उद्योग फिलहाल अपने वाहनों को भारत चरण-6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानक के दूसरे चरण के अनुकूल ढालने की कोशिश में लगा हुआ है. ऐसा होने पर उत्सर्जन मानक यूरो-6 मानकों के समान हो जाएंगे.

प्रोडक्शन की लागत बढ़ने से पड़ेगा असर

चार-पहिया पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों को नए मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उनमें दूसरे उपकरण लगाने होंगे. ऐसी स्थिति में वाहन उद्योग के जानकारों का मानना है कि वाहन विनिर्माताओं की उत्पादन लागत बढ़ सकती है, जिसका बोझ अगले वित्त वर्ष से आखिरकार खरीदारों को ही उठाना पड़ेगा. नए उत्सर्जन मानकों पर खरा उतरने के लिए वाहनों में ऐसा उपकरण लगाना होगा, जो चलती गाड़ी के उत्सर्जन स्तर पर नजर रख सके. इसके लिए यह उपकरण कैटेलिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे कई अहम हिस्सों पर नजर रखेगा.

वाहन उत्सर्जन का स्तर एक तय मानक से अधिक होते ही यह उपकरण चेतावनी लाइट देकर यह बता देगा कि वाहन की ठीक से सर्विस कराने का समय आ गया है. इसके अलावा वाहन में खर्च होने वाले ईंधन के स्तर पर काबू रखने के लिए वाहनों में एक प्रोग्राम्ड ईंधन इंजेक्टर भी लगाया जाएगा. यह उपकरण पेट्रोल इंजन में भेजे जाने वाले ईंधन की मात्रा और उसके समय पर भी नजर रखेगा. वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर चिप को भी इंजन के तापमान, ज्वलन के लिए भेजी जाने वाली हवा के दबाव और उत्सर्जन में निकलने वाले कणों पर नजर रखने के लिए अपडेट करना पड़ेगा.

क्या कहते हैं जानकार?

इक्रा रेटिंग्स के उपाध्यक्ष क्षेत्र प्रमुख रोहन कंवर गुप्ता ने कहा कि नए मानकों के लागू होने से वाहनों की कुल कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि हालांकि, यह बढ़ोतरी बीएस-4 से बीएस-6 चरण की तरफ बढ़ते समय हुई वृद्धि से तुलनात्मक रूप से कम होगी. उन्होंने कहा कि इस निवेश का बड़ा हिस्सा वाहन में उत्सर्जन पहचान उपकरण लगाने के साथ सॉफ्टवेयर अपडेट करने में लगेगा. उन्होंने कहा कि बीएस-6 के पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में लगने वाला खर्च तुलनात्मक रूप से कम होगा.

भारत में नए उत्सर्जन मानक के तौर पर एक अप्रैल 2020 से बीएस-6 का पहला चरण लागू किया गया था. नए मानक के अनुरूप ढालने पर घरेलू वाहन कंपनियों को करीब 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ा था. प्रमुख वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव क्षेत्र) विजय नाकरा ने कहा कि कंपनी के सभी वाहनों को बीएस-6 के दूसरे चरण वाले मानकों पर खरा उतरने के लायक बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए इंजन की क्षमता को उन्नत करने पर खास जोर दिया जाएगा.

टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा कि कंपनी इस बदलाव के आखिरी दौर में पहुंच चुकी है और इंजीनियरिंग क्षमता का एक बड़ा हिस्सा इस विकास काम में लगा हुआ है. देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि कंपनी बीएस-6 के दूसरे चरण के लिए भी खुद को तैयार कर रही है.

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