Devguru Brihaspati Ki Priya Rashiyan: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को बहुत ही शुभ ग्रह माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बृहस्पति ने शिव जी की कठोर साधना कर देवगुरु का पद प्राप्त किया था। इसलिए इन्हें देवगुरु भी कहा जाता है। इसके साथ ही शिव जी ने उन्हें नवग्रह में भी स्थापित किया था। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को शिक्षा, ज्ञान,धन, समृद्धि, भाग्य, विवाह, संतान और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिष की मानें तो जब भी गुरु ग्रह किसी जातक पर मेहरबान होते हैं तो उसकी किस्मत चमका देते हैं। यूं तो ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों का जिक्र किया गया है, लेकिन इनमें से कुछ राशियां ऐसी हैं जिनपर बृहस्पति की विशेष कृपा रहती है।
कर्क राशि के लोग देवगुरु बृहस्पति की कृपा से जीवन में बहुत खुश रहते हैं। इस राशि के जातक पर बृहस्पति की सदैव कृपा बनी रहती है। माना जाता है कि जब-जब बृहस्पति कर्क राशि में गोचर करते हैं, तो इन लोगों को धन लाभ होता है। इनकी जिंदगी में हमेशा सौभाग्य बना रहता है। गुरु की कृपा से ये लोग शिक्षा, सोशल वर्क और अपने कार्यों में खूब तरक्की करते हैं और नाम कमाते हैं।
सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य हैं और सूर्य बृहस्पति के परम मित्र हैं। ऐसे में सिंह राशि वाले जातकों पर भी बृहस्पति की खास कृपा बनी रहती है। इस राशि के जातक हर क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं। वे आत्मविश्वास से भरे रहते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते हैं। सिंह राशि वालों को जीवन में हर सुख प्राप्त होते हैं। ये अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करते हैं।
धनु राशि के लोग बहुत उत्साही होते हैं और बृहस्पति की कृपा से ये लोग नई चीजें सीखने में माहिर होते हैं। ये आत्मविश्वास से भरपूर रहते हैं। बृहस्पति इनका हर बिगड़ा काम बना देते हैं। इस राशि के लोग स्वभाव से बहुत मेहनती होते हैं। इनकी हर मुश्किल वक्त में देवगुरु इनकी रक्षा करते हैं।
मीन राशि भी देवगुरु की प्रिय राशियों में से एक मानी जाती है। मीन राशि वाले जातकों की ये सदैव रक्षा करते हैं। इस राशि के जातक बहुत दयालु और सहानुभूति रखने वाले होते हैं। बृहस्पति की कृपा से इनका जीवन अच्छा और सुखमय होता है। इन लोगों को कला, संगीत और साहित्य में गहरी रुचि होती है। इस राशि के लोग स्वभाव से भी बहुत सहनशील होते हैं, इसलिए इनके धैर्यपूर्ण स्वभाव की वजह से देवगुरु इन्हें बहुत पसंद करते हैं।