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नीव खुदाई के समय शंख, घोंघा और सीप का निकलना शुभदायक

ज्योतिषी Published by: Paliwalwani Updated Sat, 23 Jul 2022 09:38 PM
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नीव खुदाई के समय शंख,घोंघा और सीप का निकलना शुभदायक माना जाता है :-

? भूमंडल के अंदर कई ऐसे ज्ञात-अज्ञात तथ्य छिपे हुए हैं जिनसे जीवन सदैव प्रभावित होता रहता है। 

? इन भूखंड़ों के प्रभावों को आज बड़ी तेजी से मानव, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों में देखा जा रहा है। 

? वास्तव में प्रत्येक भूखंड में कोई न कोई राज और आश्चर्यजनक विषमताएं जरूर छिपी रहती हैं। 

 ? अगनित तथ्यों व रहस्यों से परिपूर्ण इस भू-धरा के वास्तु परीक्षण व अनुभव यह बताते हैं कि किसी भूखंड के लाभ को बढ़ाना आप पर निर्भर है आप उसे किस तरह उपयोग करते हैं। 

? अर्थात्‌ हानिकारक भूखंड को भी कुछ उपचार कर उसे आप लाभकारी बना सकते हैं। 

? अनेक भू परीक्षणों से प्राप्त धातुएँ, अवशेष, पत्थर, लकड़ी व अन्य वस्तुएं उसके स्वामी तथा उसमें निवास करने वाले को शुभ-अशुभ परिणाम के कुछ इस प्रकार के संकेत देते हैं :- 

 ? भूखंड की खुदाई करते समय यदि कंकड़-पत्थर मिले तो यह शुभ संकेत हैं। इससे दीर्घायु, धन प्राप्त करने व स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है। 

 ? पकी हुई साबूत ईंट व खपरे मिलें तो यह भी उत्तम एवं सदैव लाभकारी है।

 ? नीव खुदाई के समय शंख , घोंघा और सीप का निकलना शुभदायक माना जाता है !!

? भूखंड की खुदाई करते समय यदि सोने-चाँदी आदि के सिक्के व अन्य बहुमूल्य धातुएं मिलें तो आर्थिक समृद्धि के संकेत करती हैं। इसे उत्तम माना गया है।

? खुदाई करते समय मानव खोपड़ी या हड्ड़ियों के टुकड़ें आदि प्राप्त हो तो इसे अशुभ एवं हानिकारक माना जाता है। इससे भू-स्वामी को कठिनाइयों एवं दुःखों का सामना करना पड़ता है।

 ? भूखंड में यदि खुदाई के दौरान दीमक, चींटी, सर्प के घर (बामी) या बिल प्राप्त हो तो इसे अत्यंत अशुभ माना जाता है ऐसे भूखंड निवास की दृष्टि से उचित नहीं माए गए हैं।

 ? सूखी घास, अंडे, कपड़ों के टुकड़े आदि प्राप्त हो तो भू-स्वामी को अकाल मृत्यु, पत्नी, पुत्र व धन हानि की आशंका रहती है। ऐसे भूखंड को अशुभ कहा गया है। 

? भूखंड की खुदाई के दौरान यदि जले हुए कपड़े, लकड़ी व अन्य वस्तुओं के अवशेष प्राप्त हो तो आपदाएँ व मुसीबतें उसमें निवास करने वाले का पीछा नहीं छोड़ती, ऐसे भूखंड प्रायः अशुभ कहे गए हैं। 

 ? भू-खुदाई के दौरान यदि बाल, मृत हुए जीव व अन्य बेकार की वस्तुएं प्राप्त हों तो यह भी शुभ संकेत नहीं हैं। ऐसे भूखंड रोग, धनहीनता व अपमृत्यु की ओर इशारा करते हैं। 

इस प्रकार किसी भूखंड में निर्माण व निवास से पहले उसके हानि-लाभ और शुभ-अशुभ स्थिति को समझना बहुत जरूरी है। जिससे जीवन में सुख-शांति व तरक्की के रास्ते खुलते हैं।

ज्यो. शैलेन्द्र  सिंगला पलवल हरियाणा

नारायण सेवा ज्योतिष संस्थान : जय मां दुर्गा साधना केंद्र 

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