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केजरीवाल, कन्हैया कुमार : भाजपा की गंदी राजनीति के शिकार

आपकी कलम Published by: paliwalwani Updated Sun, 19 May 2024 05:32 PM
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आजकल हारती हुई भाजपा साम्प्रदायिकता, हिंदुत्व बनाम सनातन, मंदिर, मस्जिद मांस, मछली, मंगलसूत्र से होती हुई विषकन्याओं और गुंडागर्दी पर आ गई है. दिल्ली में गुंडों और षड्यंत्रकारियों को पुलिस का सहयोग बराबर मिलता रहा है. अपराधियों पर वैसे ही भाजपा का रहमो-करम बरसता है, इसलिए यहां अपराध और षडयंत्र करने वाले फलते फूलते रहे हैं. सब जानते हैं दिल्ली पुलिस गृहमंत्रालय के अधीन है तथा पिछले दस सालों से शाह के इशारों पर नाच रही है. इसलिए यहां सब कुछ आसान है.

पहला मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के अंदर का है, स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पीए ने उनको थप्पड़ मारे और ना जाने क्या-क्या किया ? बात सिर्फ इतनी सी है कि पीएम ने बिना अनुमति अंदर जाने से रोका, लेकिन वे माननीय सांसद का गुमान लिए उस जगह तक पहुंच गई, जो मुख्यमंत्री से मिलने वालों को बैठने के लिए था. सीसीटीवी कैमरे बता रहे हैं, स्वाति मालीवाल सोफे पर एक कागज़ लिए बैठी हुई है.

बताते हैं मुख्यमंत्री अंदर बैठे हुए थे और कोई विशेष बैठक चल रही थी. उनके आफिशियल काम पर रोक है. लगता है, वे या तो त्याग पत्र लेकर आई थीं या केजरीवाल से कोई गुप्त समझौता करने क्योंकि उनकी दौड़ इन दिनों भाजपा प्रमुखों तक थी. इस बीच स्वाति किसी षडयंत्र के तहत दिल्ली पुलिस, महिला आयोग फोन लगाकर अपने साथ यहां हो रहे दुर्व्यवहार को बताती हैं, तो वहां मौजूद लोग उन्हें बाहर जाने  कहते हैं.

वे गालियां देने लगती वे चीखती चिल्लाती नाटकीय अंदाज़ में बाहर निकलती हैं और कहती हैं. मुझे जो करना था कर दिया. बाहर करती तो कैमरे में कैद हो जाती. इस प्रकार झूठ का एक प्रपंच बुन लेती हैं. विदित हो वे आम आदमी पार्टी की ओर से ही राज्यसभा सांसद हैं. लगता है, वे भाजपाई दबाव और प्रलोभन में आकर ये सब की हैं.

ताकि केजरीवाल का शेष चुनाव अभियान प्रभावित हो. जैसा कि जाहिर दिल्ली पुलिस ने तत्काल प्रभाव से पीएं विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. सबसे बड़ी बात यह है उनकी जमानत याचिका भी खारिज हो गई. विभव कुमार ने जो रिपोर्ट लिखाई है उस पर शायद ही नज़र डाली जाए.

क्योंकि भाजपा ने महिला उत्पीड़न, वह भी मुख्यमंत्री निवास पर. जैसा मामला बनवा दिया है. दूसरा पीए को जेल भेज दिया ताकि उनके कार्य में रुकावट आए. महिला आयोग भी महिला उत्पीडन पर शीघ्र कार्रवाई करने वाला है. दूसरी तरफ दिल्ली में ही भाजपा के दो गुंडों ने मनोज तिवारी के विरुद्ध खड़े कन्हैया कुमार को माला पहनाई और थप्पड़ जड़ दिए और कहा कन्हैया को भारत तेरे टुकड़े-टुकड़े होंगे, अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल ज़िंदा है का जवाब  दें दिया.

ये बात दोनों युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी प्रसारित की. उनको ये हिम्मत किसने दी. जबकि यह स्पष्ट हो चुका है, नारे लगाने वाले भाजपा के ही युवक थे. झूठ का लबादा ओढ़ कर ऊपर से लेकर नीचे तक भाजपा जिस तरह पतन की ओर जा रही है. वह सामने है.

कन्हैया कुमार ने तो बेख़ौफ़ कहा है, वे गांधी के अनुयायी है, इतने बड़े नेता को चरण छूकर ये लोग को गोली मार सकते हैं, तो हम तो अदने से पार्टी कार्यकर्ता हैं. माला पहनाकर थप्पड़ मारना उनके डीएनए में है. पर वे डरते नहीं. अपने काम में लग गए. दिल्ली की इस सीट पर तेजी से माहौल बदल रहा है. इसका एक प्रमाण मनोज तिवारी के प्रचार में शामिल एक कार्यकर्ता इंटरव्यू में कह रहा है, यह दिखावा है. उसके साथियों की वोट कन्हैया को ही जा रही है.

बहुत से लोग इसी मनोवृत्ति के बताए जा रहे हैं. दहशत का माहौल है. बहरहाल, तस्वीर जो इस दौर में भाजपा की बन रही है. वह धुंधली है इस तरह की घटनाएं उस पर कालिख पोतने वाली हैं. लगता है सातवें चरण तक भाजपा पूरी तरह नग्न हो जाएगी. ऐसे में सोचा जाना चाहिए कि अब की बार-चार सौ पार के बाद ये क्या कर गुजरेंगे.

समझें, समझाएं और भारी मात्रा में मतदान कराएं.

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