सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने एवं ग्रामीण अंचलों में राजनीतिक जागरूकता को प्रोत्साहित करने के शौक से पत्रकारिता में हाथ बढ़ाने का संकल्प लिया। 1 जून 1987 को राजसमंद जिले के केलवा कस्बे में दहेज हत्या के लिए आयोजित जैन समाज की बैठक में संपादकीय कार्य की शुरुआत थी। उमंग एवं उत्साह के साथ 33 वर्ष पूर्व संपादकीय यात्रा की शुरुआत हुई थी उस दिन यह कल्पना नहीं की थी कि पत्रकारिता ही मिशन बनकर जीवन के रंगों में रंगने का मौका देगी।
यह साप्ताहिक पत्रिका वनवासी छात्रावास के संचालक एवं वनवासी कल्याण परिषद का कार्य देख रहे वैध श्री राधाकृष्ण साथी के आग्रह पर प्रकाशित करना प्रारंभ किया। साप्ताहिक अखबार मेवाड़ एवं मारवाड़ क्षेत्र में लोकप्रिय होने लगा विशेष करके मुंबई, बेंगलुरु, मद्रास, मैसूर, सूरत, अहमदाबाद आदि क्षेत्रों के प्रवासियों में इसकी मांग तेजी से बढ़ने लगी। जैसे-जैसे पाठकों का उत्साहवर्धन मिलता रहा उसी गति से अखबार के संपादकीय चेहरे को सशक्त बनाने का सतत प्रयास किया।
● चारभुजा कस्बे से प्रकाशित अखबार जागरूकता की एक आवाज बना : राजस्थान का सुपरफास्ट
चारभुजा कस्बे से प्रकाशित अखबार अपने आप में क्षेत्र के लोगों के बीच राजनीतिक जागरूकता की एक आवाज बनकर खड़ा हुआ। अखबार के प्रकाशन को 3 वर्ष पूर्ण होने जा रहे थे उसी दौरान इसके प्रकाशक स्वामी से मुलाकात हुई। प्रथम मुलाकात में ही उनकी अभिव्यक्ति ने मेरे कान खड़े कर दिए। उसी दरमियान राजसमंद जिले का गठन हो चूका था। नए साप्ताहिक अखबार का आवेदन करते हुए सितंबर 1992 को “राजस्थान का सुपरफास्ट “का रजिस्ट्रेशन करवा कर पाठकों तक पहुंचाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। पत्रकारिता के जीवन में ऐसे अनेक मोड़ आए जिसमें मिशन की असफलता का एहसास होने लगा मगर प्रवासी पाठकों एवं शुभचिंतक स्नेह और प्रेम ने एक लंबी यात्रा करने का मौका दिया।
● प्रबंध कार्यकारिणी से जुड़ा हुआ हूं और 7 वर्षों तक अध्यक्ष का दायित्व निभाया
यह मेरा सौभाग्य है कि पत्रकारिता से पूर्व राजनीतिक जीवन की हलचल माध्यमिक शिक्षा के दौरान ही प्रारंभ हो गई। सहकार आंदोलन की प्रारंभिक संस्था ग्राम सहकारी समिति गड़बोर (चारभुजा) में 1991 को प्रबंध कार्यकारिणी निदेशक निर्वाचित होकर आज दिन तक प्रबंध कार्यकारिणी से जुड़ा हुआ हूं एवं 7 वर्षों तक अध्यक्ष दायित्व को भी निभाया। इस दौरान उदयपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक का निदेशक का बनने का भी मौका मिला। दो बार जिला परिषद का चुनाव लड़ने का मौका मिला इस दौरान परिषद की शिक्षा समिति के अध्यक्ष का दायित्व भी निभाया। राजनीति एवं पत्रकारिता के साथ व्यवसाय क्षेत्रों में भी निरंतर सक्रिय रहा।
● लॉक डाउन में सोशल मीडिया के माध्यम से पाठकों से जुड़ने का मौका मिला
लॉक डाउन के दौरान अखबार प्रकाशन की कठिनाई के चलते सोशल मीडिया के माध्यम से प्रथम बार पाठकों से जुड़ने का मौका मिला। यह सब यादगार बन गया। नियमित सोशल मीडिया पर बने रहने की प्रेरणा मिली। मैं अपनी ओर से अखबार के सभी शुभचिंतक पाठक गण, विज्ञापनदाता के साथ लॉक डाउन के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े पाठकों को बहुत-बहुत धन्यवाद के साथ आभार व्यक्त करता हूं। उम्मीद करता हूं आपसे नियमित रूप से जुड़ा रहूं।
धन्यवाद...
● ललित चोरड़िया...✍
राजस्थान का सुपरफास्ट
राजसमंद, राजस्थान
● पालीवाल वाणी ब्यूरो...✍️
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