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आमेट नगर पालिका की तत्कालीन अध्यक्ष, अधिशाषी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय आदेश अवमानना का प्रकरण ख़ारिज

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Sun, 27 Apr 2025 03:13 AM
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आमेट नगर पालिका की तत्कालीन अध्यक्ष, अधिशाषी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय आदेश अवमानना का प्रकरण ख़ारिज
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M. Ajnabee, Kishan paliwal

आमेट. स्थानीय सिविल न्यायाधीश विजय कुमार टांक ने न्यायालय आदेश अवमानना के एक प्रकरण पर सुनवाई करते हुए नगरपालिका आमेट की पूर्व अध्यक्ष नर्बदा देवी बागवान, तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी करणी सिंह सहित नगरपालिका के तत्कालीन कर्मचारी गोपाल सिंह राठौड़, देवेन्द्र सिंह चौहान एवम् तत्कालीन जमादार एवम् वर्तमान लिपिक चमन सिंह के खिलाफ प्रस्तुत न्यायालय अवमानना का प्रकरण पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में ख़ारिज कर दिया।

आरोपियों के अधिवक्ता शराफत हुसैन ने बताया कि आमेट न्यायालय में परिवादी गणेश लाल पिता सुखदेव बागवान मृतक के बजाए विधिक वारिशांन मोहनलाल पिता गणेश लाल बागवान ने आरोपियों के खिलाफ 2016 में मामला पेश कर बताया कि उसके खेत पर लगी लोहे की फाटक को अन्य प्रकरण में न्यायालय आमेट का स्थगन आदेश प्रभावी होने के बावजूद नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष नर्बदा बागवान,अधिशाषी अधिकारी करणी सिंह व नगरपालिका कर्मचारी देवेन्द्र सिंह चौहान, गोपाल सिंह राठौड़,चमन सिंह ने न्यायालय स्थगन आदेश की अवहेलना कर उक्त फाटक तोड़फोड़ कर हटा ले गए और रास्ता बंद कर न्यायिक आदेश अवमानना का गंभीर अपराध कारित किया है।

उक्त आशय के परिवाद पर न्यायालय में करीब10 वर्ष तक विचारण चला, विचारण के दौरान आरोपीगण के अधिवक्ता शराफत हुसैन फौजदार ने न्यायालय के समक्ष आरोपियों के बचाव में ठोस तर्क़ व साक्ष्य पेश किये, दोनों पक्षो के मामले को सुन कर मामले में सिविल न्यायाधीश विजय टांक ने निर्णय सुनाते हुए अवमानना के दोषी नगरपालिका आमेट के पुर्व अध्यक्ष नर्बदा देवी बागवान, तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी करणी सिंह सहित नगरपालिका के तत्कालीन कर्मचारी गोपाल सिंह राठौड़, देवेन्द्र सिंह चौहान एवम् जमादार चमन सिंह के विरुद्ध परिवादी गणेश लाल मृतक के बजाए मोहन लाल बागवान के द्वारा प्रस्तुत न्यायालय आदेश अवमानना के पर्याप्त सबूत नहीं होने, एवम् परिवादी द्वारा मामले को साबित नहीं कर पाने से नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष, तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी एवम् तत्कालीन कर्मचारियों के विरुद्ध परिवादी का मामला ख़ारिज कर दिया। मामले में आरोपीगण की ओर से पैरवी अधिवक्ता शराफत हुसैन फौजदार ने की।

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