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आमेट वाणी : उमा हिरण के 11 की तपस्या का तप अभिनंदन

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Sat, 19 Jul 2025 01:50 AM
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आमेट. तेरापंथ भवन मे विराजित यूगप्रधान आचार्य महाश्रमण की सूशिष्या साध्वी सम्यक प्रभा ठाणा 4 के सानिध्य में उमा हिरण के 11 की तपस्या का तप अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुआ.

साध्वी सम्यक प्रभा ने तप की महिमा का वर्णन करते हुए, कहा की जैन दर्शन में तप का बड़ा महत्व है. जिस प्रकार मक्खन को तपाकर घी बनता. इसी तरह आत्मा को तपाकर कर्म निर्जरा की जा सकती है. तप रूपी चिनगारी से कर्म रूपी घास को भस्म किया जा सकता है.

तप किसी प्रोत्साहन के लिए नहीं किया जाता तप आत्मा का कल्याण के लिए किया जाता है. साध्वी मलय प्रभा ने कहा मोक्ष मार्ग के चारों मार्गो में एक मार्ग है सम्यक तप। तपस्वी उमा हिरण ने अपने मनोबल एवं संकल्पबल का परिचय दिया. तपस्वी व परिवार को साधुवाद व आगे और तपस्या करने की प्रेरणा दी.

तप अनुमोदन में सभा सहमंत्री अशोक पितलिया, तेयुप सदस्य पवन कच्छारा, महिला मंडल अध्यक्ष मंजू हिरण, हेमा भंडारी, सज्जन मेहता, मनीषा छाजेड़, सोनाली कोठारी, किंजल हिरण, अनीता श्री श्रीमाल आदि बहनों व हिरण परिवार से किंजल हिरण ने गीतिका व संभाषण द्वारा तपस्वी का तप अभिनंदन किया.

तपस्वी का सम्मान तपस्या द्वारा में शांताबाई हिरण व किंजल हिरण सासु ने बहू का व बहू ने सासु का बहुमान किया. कार्यक्रम संचालक अणुव्रत समिति अध्यक्ष रेणु छाजेड़ ने किया ने किया. स्थानीय सभा सामायिक कीट द्वारा सम्मान किया गया. श्रावक-श्राविकाओ ने हर्ष की ध्वनि के साथ तपस्वी का तप अनुमोदन किया. कार्यक्रम की सूचना जेटीऐन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी.

  • M. Ajnabee, Kishan paliwal
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