गुजरात के शहर अहमदाबाद में एक 45 साल की महिला को अपने पति का जाली डेथ सर्टिफिकेट बनाकर इंश्योरेंस के पैसे वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। महिला पर आरोप है कि उसने अपने पति को बेरोजगार होने की बात कहकर घर से निकाल दिया और फिर एक डॉक्टर की मदद से उसका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। इस सर्टिफिकेट की मदद से महिला ने दो प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों से उसने कुल 18 लाख रुपये वसूले।
अहमदाबाद के रहने वाले निमिश मराठी नाम के शख्स ने पुलिस ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत की है। पुलिस का कहना है कि निमिश की पत्नी नंदा ने अपने एक दोस्त रवींद्र कोडेकर की मदद से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट हासिल किया था। इस काम में एक डॉक्टर ने उनकी मदद की। डेथ सर्टिफिकेट में लिखा गया कि 6 मार्च 2019 को निमिश की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। इसके बाद इसी के आधार पर अहमदाबाद नगर निगम ने भी डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
अगस्त 2019 में नंदा ने इंश्योरेंस क्लेम के 18 लाख रुपये कंपनियों से ले लिए। निमेश का कहना है कि बेटियों की शादी के बाद नंदा ने उससे कहा कि चूंकि वह बेरोजगार है और वह किराए के घर में रह रहे हैं। ऐसे में अगर वह अपने गांव चला जाए तो किराए के पैसे बच जाएंगे। नंदा के कहने पर निमिश एमपी के बुरहानपुर में अपने घर चला गया। वहीं नंदा अपनी बेटी के घर चली गई। 3 महीने बाद जब निमिश वापस लौटा तो नंदा ने कहा कि वो बेरोजगार है और अब उसे घर में नहीं घुसने दिया जाएगा। निमिश ने कहा है कि जिस इंश्योरेंस के पैसे वसूले गए हैं, उसमें उसने पत्नी को ही नॉमिनी बनाया था।
इसके कुछ दिन तक निमिश ने सड़क पर रहकर किसी तरह दिन काटे। हाल ही में उसे पता चला कि इंश्योरेंस के नाम पर उसकी पत्नी ने 18 लाख रुपये का क्लेम ले लिया है और उसे मृत घोषित किया है। इसकी जानकारी के बाद उसने पुलिस को शिकायत दी, जिसके आधार पर नंदा को अरेस्ट किया गया।