मुम्बई
Free Fire Ban : गेम बैन होने की वजह से 14 साल के बच्चें ने की आत्महत्या
Paliwalwaniमुंबई. आज के डिजिटल युग के बदलते परिवेश में बच्चों के दोस्त, खेल का मैदान, पार्क, सबकुछ इंटरनेट के एक एप्लीकेशन पर सिमट गए है। यही वजह है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत की वजह से बच्चों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो रही हैं। अब एक नई खबर सामने आई है जिसके मुताबिक मुंबई में रहने वाले एक 14 वर्षीय लड़के ने फ्री फायर बैन होने की वजह से आत्महत्या कर ली है।
हाल ही में बैन हुए बैटल रॉयल गेम गरेना फ्री फायर का आदी था, और अब पुलिस यह पता लगाने के लिए जांच कर रही है कि क्या यह खेल से संबंधित कुछ था जिसके कारण लड़के ने यह कदम उठाया। पुलिस के अनुसार, लड़के के पिता को रविवार को शाम 7:22 बजे उसके बेटे का फोन आया। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिता अपनी पत्नी के साथ यात्रा करने के कारण कॉल रिसीव नहीं कर सके। कुछ मिनट बाद जब उसने अपने बेटे को वापस फोन मिलाया, तो लड़के ने कॉल का जवाब नहीं दिया।
घर लौटने पर, माता-पिता ने देखा कि उनके बेटे का कमरा बंद था। दरवाजे को खोलने के लिए पिता को दरवाजे के ऊपर लगे शीशे के फ्रेम को तोड़ना पड़ा, जिसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण पिता ने अपने बेटे को कमरे के अंदर मृत पाया। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
इंटरनेट गेमिंग एडिक्शन है खतरनाक
– ज्यादा वक्त इंटरनेट गेम्स खेलने वाले बच्चों की फोकस करने की क्षमता कम हो जाती है।
– ऐसे बच्चों का झुकाव ज्यादातर नेगेटिव मॉडल्स पर होता है।
– बच्चों में धैर्य कम होने लगता है।
– बच्चे पावर में रहना चाहते हैं।
– सेल्फ कंट्रोल खत्म हो जाता है। – कई बार बच्चे हिंसक हो जाते हैं।
– बच्चे सोशल लाइफ से दूर होकर अकेले रहना पसंद करने लगते हैं।
– बच्चे के व्यवहार और विचार दोनों पर इंटरनेट गेमिंग का असर देखा गया है।
– बच्चे मोटापे और डाइबिटीज का शिकार हो जाते हैं।