मध्य प्रदेश

संजय गांधी अस्पताल में अब पत्रकार नहीं बना सकेंगे वीडियो

paliwalwani
संजय गांधी अस्पताल में अब पत्रकार नहीं बना सकेंगे वीडियो
संजय गांधी अस्पताल में अब पत्रकार नहीं बना सकेंगे वीडियो

रीवा से अनिल की वाणी...

रीवा. अब संजय गांधी अस्पताल में पत्रकार नहीं बना सकेंगे वीडियो. संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा का फतवा जारी किया है. अधीक्षक राहुल मिश्रा का 'फतवा', कहा-अस्पताल में अब नहीं बनाएंगे पत्रकार वीडियो अब अस्पताल के अन्दर कुछ भी करें डॉक्टर, मरीज के साथ कुछ भी करें. डॉक्टर अब नहीं बना सकते वीडियो अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा का तानाशाह रवैया क्योंकि यह है. उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के भांजे है. अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा इसलिए कुछ भी कर सकते हैं, अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा.

रीवा के संजय गांधी अस्पताल से विशेष रिपोर्ट

संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने एक नया फरमान जारी किया है. अब पत्रकार अस्पताल परिसर में बिना अनुमति वीडियो नहीं बना सकेंगे. अधीक्षक के मुताबिक, मीडिया द्वारा बनाई जा रही, वीडियो क्लिपिंग से अस्पताल की सच्चाई उजागर हो रही थी और सरकारी अस्पताल की छवि जनता तक पहुंच रही थी. जिससे संजय गांधी अधीक्षक राहुल मिश्रा की छवि धूमिल हो रही है.

इस फैसले ने स्थानीय मीडिया जगत में हलचल मचा दी है. पत्रकारों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार बताया है. वहीं अधीक्षक मिश्रा के इस निर्णय को कई लोग 'फतवा' की तरह देख रहे हैं, जैसा कि धार्मिक मामलों में मौलाना जारी करते हैं.

रीवा के संजय गांधी अस्पताल में लगातार उजागर हो रही थीं अव्यवस्थाएं

पिछले कुछ समय से मीडिया द्वारा अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लगातार उजागर किया जा रहा था. कभी इलाज के इंतजार में तड़पते मरीज, तो कभी वार्ड में गंदगी और लापरवाही. कभी अस्पताल में गमछा से ग्लूकोस चढ़ाना वीडियो वायरल हुए थे. इन खबरों से अधीक्षक राहुल मिश्रा पर सवाल उठने लगे थे. इसी वजह से अब अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने कैमरे पर रोक लगा दी है.

पत्रकार  ने जताया विरोध, कहा-वापस लें फैसला

रीवा में कई पत्रकारों ने अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा के इस निर्णय का विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि यदि आदेश वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा. पत्रकारों का कहना है कि अस्पताल में जनहित से जुड़े मुद्दों को सामने लाना उनका कर्तव्य है और इस पर रोक लगाना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है.

डॉ. राहुल मिश्रा के फैसले पर उठे सवाल

लोकल मीडिया से जुड़े कई वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि अगर अस्पताल में सब कुछ ठीक है, तो फिर कैमरे से डर क्यों? अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा का यह फैसला अस्पताल के पारदर्शिता पर पर्दा डालने जैसा है.

संजय गांधी अस्पताल अधीक्षक का 'फतवा', पत्रकार अब नहीं बना सकेंगे वीडियो

रीवा जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल संजय गांधी चिकित्सालय में एक नया आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने पत्रकारों द्वारा अस्पताल परिसर में वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है. इस आदेश को लेकर मीडिया जगत में नाराजगी देखी जा रही है, वहीं आमजन में भी इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.

डॉ. राहुल मिश्रा द्वारा जारी इस आदेश को कुछ लोगों ने ‘फतवा’ की संज्ञा दी है, ठीक उसी तरह जैसे धार्मिक मामलों में मौलाना फतवे जारी करते हैं. अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि बिना अनुमति वीडियो बनाना मरीजों की गोपनीयता का उल्लंघन है और इससे अस्पताल की व्यवस्था प्रभावित होती है.

हालांकि, पत्रकारों का कहना है कि इस तरह की पाबंदी जनहित में किए जा रहे, कार्यों पर अंकुश लगाने जैसा है. अस्पताल की अव्यवस्थाओं और लापरवाहियों को उजागर करना मीडिया की जिम्मेदारी है, और यह आदेश लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और स्थानीय पत्रकारों ने डॉ. राहुल मिश्रा के आदेश को वापस लेने की मांग की है. यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि डॉ. राहुल मिश्रा अपने निर्णय पर पुनर्विचार करते है या नहीं.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News