इंदौर

Indore-update : अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए शहर के डेवलपर द्वारा तैयार किया गया सॉफ्टवेयर

Ayush Paliwal
Indore-update : अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए शहर के डेवलपर द्वारा तैयार किया गया सॉफ्टवेयर
Indore-update : अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए शहर के डेवलपर द्वारा तैयार किया गया सॉफ्टवेयर

इंदौर. शहर के डेवलपर द्वारा तैयार किया गया सॉफ्टवेयर, दुकानों से अवैध शराब की बिक्री रोकने में मददगार साबित हो रहा है। ये सॉफ्टवेयर,बोतल पर लगे बार कोड (या होलोग्राम) को स्कैन करके उसके वैध या अवैध होने के जानकारी देता है। वैध होने पर ही सॉफ्टवेयर काउंटर से बोतल बेचने की इजाजत देता है। सॉफ्टवेयर के जरिए ठेकेदार ना सिर्फ स्टॉक में होने वाली गड़बड़ रोक रहे हैं एमएसपी और एमआरपी के बीच कीमतों में आने वाले अंतर को रोककर अपना मुनाफा भी बढ़ा रहे हैं। प्रदेश की 70 से ज्यादा दुकानों पर इसका उपयोग हो रहा है।

सॉफ्टवेयर डेवलप करने वाले अनुराग त्रिपाठी बताते हैं,एक साधारण से कंप्यूटर, बार कोड स्कैनर, सीसीटीवी  कैमरे और बड़ी टीवी स्क्रीन वाले सेटअप के जरिए सॉफ्टवेयर से किसी भी (ग़लत) सेल को रोका जा सकता है। डिस्टलरी से निकलने के बाद हर बोतल पर सरकार द्वारा दिए जाने वाले बार कोड या होलोग्राम लगाए जाते हैं। सॉफ्टवेयर उसी बारकोड को स्कैन करता है जो अधिकृत हैं। नकली बार कोड इसमें रजिस्टर होते इसलिए वो बोतल बेचने की इजाजत नहीं देता। 

अनुराग त्रिपाठी के अनुसार,कई बार दुकान पर बैठने वाला सेल्समेन, ठेकेदार द्वारा तय की गई कीमत से ज्यादा पर बोतल बेचता है। जिसका मुनाफा भी सेल्समेन रखता है। एमएसपी और एमआरपी के बीच के अंतर की वजह से ऐसा होता है। सॉफ्टवेयर में ठेकेदार द्वारा तय कीमत फीड करने के बाद सेल्समेन उसे ज्यादा कीमत पर नहीं बेच सकता। यदि सेल्समेन बगैर स्कैन किए बोतल बेचने की कोशिश करता भी है तो सीसीटीवी के जरिए उस पर निगरानी की जा सकती है। इसकी रियल टाइम रिपोर्ट मोबाइल पर किसी भी समय जांची जा सकती है। 

6 साल की रिसर्च के बाद तैयार हुआ सॉफ्टवेयर : अनुराग त्रिपाठी बताते हैं, 2015 में उन्होंने पहला सॉफ्टवेयर बनाया लेकिन वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। उसके जरिए एक बोतल बेचने में डेढ़ मिनट का समय लग रहा था। इससे सेल प्रभावित हो रही थी। मैंने 6 सालों तक स्कैनिंग टाइम करने के लिए रिसर्च की। आज इसमें सिर्फ एक सेकंड का समय लगता है। पूरे प्रदेश में 78 दुकानों पर इस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। दुकानदारों को इसकी वजह से सबसे ज्यादा मदद स्टॉक और उधार दिए जाने वाले माल का हिसाब मेंटेंन करने में मिल रही है। 

सरकार के लिए हो सकता है ज्यादा मददगार : डेवलपर के अनुसार ये सॉफ्टवेयर, सरकार के लिए और भी ज्यादा उपयोगी हो सकता है। इसके जरिए वे अवैध शराब पर आसानी से नजर रख सकते हैं। सरकारी तंत्र में स्टॉक सहित कई हिसाब रखने के लिए पांरपरिक तरीके अपनाए जा रहे हैं जबकि सॉफ्टवेयर ज्यादा उपयोगी है। मैंने आबकारी विभाग के आला  अधिकारियों तक अपनी बात रखने के प्रयास कई बार किए लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क....✍️

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