दिल्ली
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए जारी की सख्त एडवाइजरी : सेना ऑपरेशन के लाइव कवरेज पर लगाई रोक : सूचना प्रसारण मंत्रालय
sunil paliwal-Anil Bagora
मीडिया के लिए जारी हुई प्रसारण मंत्रालय की सख्त एडवायजरी…
Sunil paliwal-Anil Bagora
नई दिल्ली.
केंद्र सरकार ने मीडिया प्रसारण के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थाओं को लिखित में कहा है कि वह रियल टाइम में सैन्य ऑपरेशन और सुरक्षाबलों के मूवमेंट की लाइव कवरेज से परहेज करें। मंत्रालय ने कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, डिजिटल प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी निभाएं और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।
सैन्य ऑपरेशन को रियल टाइम लाइव न दिखाया जाए
विशेष रूप से सैन्य ऑपरेशन और सुरक्षाबलों के मूवमेंट की लाइव कवरेज से। किसी भी सैन्य ऑपरेशन को रियल टाइम लाइव न दिखाया जाए। इसके साथ ही सुरक्षा बलों की आवाजाही की भी उस समय लाइव कवरेज न की जाए। सैन्य ऑपरेशन और सुरक्षाबलों के मूवमेंट की रियल टाइम तस्वीरें सामने नहीं आनी चाहिए। मंत्रालय ने यह भी कहा कि रिपोर्टिंग के आधार पर या सूत्रों के आधार पर किसी भी संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा न किया जाए। ऐसा करना दुशमनों की सहायता कर सकता है और इससे सैन्य ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है, साथ ही सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। मंत्रालय ने यहां कारगिल युद्ध, मुंबई हमले और कंधार अपहरण कांड के कवरेज की याद दिलाई।
सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करें
मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए बताया कि कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकी हमले (26/11) और कंधार हाईजैकिंग जैसी घटनाओं के दौरान बिना जिम्मेदारी के कवरेज से राष्ट्रीय हितों को गंभीर नुकसान पहुंचा था. इसी को ध्यान में रखते हुए अब मीडिया प्लेटफॉर्म्स और आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करें.
लाइव कवरेज पर है प्रतिबंध : एडवाइजरी में यह भी याद दिलाया गया है कि केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के तहत किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान की लाइव कवरेज पर पहले से ही प्रतिबंध है. ऐसी रिपोर्टिंग केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी के समय-समय पर ब्रीफिंग के जरिए ही की जा सकती है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी स्टेकहोल्डर्स से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए उच्चतम मानकों का पालन करें और किसी भी चल रहे ऑपरेशन की सुरक्षा से समझौता न करें.