दिल्ली
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा : विपक्ष को जमकर लताड़ा
Paliwalwaniनई दिल्ली :
मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए पीएम मोदी सदन में पहुंचे। उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुझे 20 साल हो गए हैं इस संसद में, लेकिन ऐसा दृश्य मैंने 2 दशक में नहीं देखा है। प्रधानमंत्री के प्रति जो शब्द इस्तमाल किए गए हैं विपक्ष के द्वारा, मैं मानता हूं कि सदन के सामने नहीं, लेकिन देश की जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष को जमकर लताड़ा। अधीर रंजन चौधरी के बयान को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपत्ति जताई। उन्होंने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कांग्रेस सांसद को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने तक अधीर रंजन को निलंबित किया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ने जोशी के प्रस्ताव पर मतदान कराया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उसने हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंचाई है। मुझे नहीं पता कि क्या हो गया है। सत्ता के बिना ऐसा हाल किसी को हो जाता है। सत्ता सुख के बिना जी नहीं सकते? क्या भाषा बोल रहे हैं? पता नहीं क्यों कुछ लोगों को भारत की मां की मृत्यु की कामना करते देखा गया, इससे बड़ा दुख क्या होगा। ये लोग कभी लोकतंत्र की, कभी संविधान की हत्या की बात करते हैं। दरअसल, जो इनके मन में है, वही उनके कृतित्व में सामने आ जाता है। मैं हैरान हूं। ये बोलने वाले कौन लोग हैं, देश भूल गया है। क्या विभाजन की पीड़ा हम भूल गए? उन चीखों को लेकर आज भी वह हमारे सामने आता है। वह लोग जिन्होंने मां भारती के तीन-तीन टुकड़े कर दिए, वह भी तब जब मां भारत की बेड़ियों को काटना था, तब इन्होंने मां भारती की भुजाएं काट दीं। ये लोग किस मुंह से ऐसा बोलने की हिम्मत करते हैं? ये वो लोग हैं, जिस वंदे मातरम गीत ने देश के लिए मर-मिटने की प्रेरणा दी थी। हिंदुस्तान के हर कोने में वंदे मातरम चेतना का स्वर बन गया था, इन्होंने वंदे मातरम गीत के भी टुकड़े कर दिए। ये वो लोग हैं, जो भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग को बढ़ावा देते हैं। ये उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो कहते हैं कि सिलीगुड़ी के पास जो कॉरिडोर हैं, उसे काट दें, तो पूर्वोत्तर अलग हो जाएगा।