भोपाल

मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूल संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, हर दिन एक-एक जिले के संचालक आएंगे

Paliwalwani
मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूल संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, हर दिन एक-एक जिले के संचालक आएंगे
मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूल संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, हर दिन एक-एक जिले के संचालक आएंगे

मध्य प्रदेश । गुरुवार से एमपी बोर्ड के प्राइवेट स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सबसे पहले भोपाल जिले स्कूल संचालकों ने लोक शिक्षण संचालनालय में विरोध प्रदर्शन किया।

एमपी बोर्ड के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार से भोपाल के निजी स्कूलों ने लोक शिक्षण संचालनालय का घेराव किया। करीब एक घंटे तक प्रदर्शन किया।

अधिकारी के बदलते ही प्रशासन बदल गया है

आयुक्त जयश्री कियावत ने रिटायर होने के पहले सभी मांगें मान ली थीं, लेकिन उनके रिटायर्ड होते ही प्रशासन मुकर गया। इस कारण आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। पहले दिन भोपाल के स्कूल शामिल हुए। शुक्रवार को विदिशा और दूसरे जिले के स्कूल संचालक आएंगे। इसी तरह हर दिन एक-एक जिले से स्कूल संचालक आकर प्रदर्शन करेंगे। प्रदेशभर में करीब 40 हजार प्राइवेट स्कूल हैं।

पहले भी कर चुके हैं प्रदर्शन

12 अगस्त को प्रदेशव्यापी आंदोलन किया गया था। एक दिन बाद 13 अगस्त को मध्यप्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ब्लॉक और तहसील स्तर पर स्कूलों की चाबी डीईओ को सौंपने का कार्य किया गया। भोपाल में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को चाबी सौंपी थी। प्राइवेट स्कूल संचालक टूट चुके हैं। शासन के तानाशाही रवैया से परेशान होकर यह निर्णय लिया। आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय द्वारा एसोसिएशन को सभी बिंदुओं पर तुरंत समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन उनके जाने के बाद कुछ नहीं हुआ।

यह हैं प्राइवेट स्कूल संचालकों की शर्तें

कक्षा पहली से 12वीं तक के विद्यालय कोविड नियम को ध्यान में रखते हुए खोल दिए जाएं। 

स्कूलों को मान्यता कक्षा पहली से 12वीं तक नवीनीकरण कर दिया जाए। कक्षा 9वीं से 12वीं तक की मान्यता विगत 2 वर्षों में जिस प्रकार की गई है, उसी प्रकार वर्ष 2025 तक की मान्यता रिन्यू कर दी जाए। सभी विद्यालयों ने इसका आवेदन कर दिया है।

आरटीई का भुगतान विगत कई वर्षों से उलझा है। वर्ष 2019 -20 तक का भुगतान आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आश्वासन दिया गया था। अगस्त के प्रथम सप्ताह में कर दिया जाएगा। अगस्त समाप्त हो गया, भुगतान नहीं हो पाया।

माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब है। विद्यालयों को आर्थिक मदद दी जाए। 

कोरोना काल में विद्यालयों पर लगने वाला टैक्स व बिजली बिल माफ कर दिया जाए। जो ऋण विद्यालय संचालकों द्वारा लिया गया है, कोरोना काल के लिए उसे रोका जाए।

शासकीय विद्यालयों में बिना टीसी प्रवेश दिए जा रहे हैं। क्षमता से अधिक प्रवेश हो गए हैं, इन विद्यालयों में शिक्षक आज भी नहीं है। बिना टीसी प्रवेश ना किया जाए।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News