ज्योतिषी
सूर्य 16 दिसंबर को बनाएगा त्रिग्रही योग : बड़े प्रशासनिक बदलाव के भी योग बनेंगे
Paliwalwani
सभी ग्रहों के राजा सूर्य देव 16 दिसंबर 2022 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ धनु राशि में त्रिग्रही योग बनेगा। शुक्र ग्रह ने 5 दिसंबर को राशि परिवर्तन कर धनु राशि में प्रवेश किया था और इसके पहले शनिवार 3 दिसंबर 2022 को बुध ने भी धनु राशि में प्रवेश किया था। अब 16 दिसंबर 2022 को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही धनु राशि में त्रिग्रही योग निर्मित हो रहा है।
बुध, शुक्र और सूर्य के धनु राशि में जाने पर ठंड बढ़ेगी और शीतलहर चलने की संभावना है। इसके अलावा शेयर बाजार में भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। वहीं बड़े प्रशासनिक बदलाव के भी योग बनेंगे। हिंदू पंचांग के मुताबिक बुध 28 दिसंबर 2022 तक धनु राशि में रहेगा। वहीं शुक्र ग्रह भी 29 दिसंबर 2022 तक धनु राशि में रहेंगे और सूर्य 13 जनवरी 2023 धनु राशि में रहेंगे। आइए जानते हैं कि त्रिग्रही योग के कारण क्या असर दिखेगा।
बुध ग्रह के कारण असर
बुध के राशि परिवर्तन से लेखन, वकालत और पत्रकारिता से जुड़े लोग परेशान हो सकते हैं। शेयर बाजार से जुड़े लोगों को नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी हो सकती है।
शुक्र ग्रह को दो बार होगा राशि परिवर्तन
ज्योतिष के मुताबिक 5 दिसंबर 2022 को शुक्र ने राशि परिवर्तन कर धनु राशि में प्रवेश किया है। शुक्र ग्रह 29 दिसंबर 2022 को अपनी मित्र मकर राशि में प्रवेश करेगा। पूरे माह कई लोगों के लिए परेशानी और खर्चे का समय रहेगा। शुक्र के राशि परिवर्तन से कुछ लोगों को आर्थिक लाभ हो सकेगा।
सूर्य का धनु राशि में प्रवेश
सूर्य 16 दिसंबर को धनु में प्रवेश करेगा। सूर्य की चाल में बदलाव से खरमास शुरू होगा, जिस कारण से 1 माह के लिए कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे। सूर्य के प्रभाव से कुछ लोगों के कामकाज और जिम्मेदारियों में बड़े बदलाव हो सकते हैं। कई लोगों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
बुधादित्य शुभ योग
जब सूर्य और बुध एक ही राशि में हों तो बुधादित्य शुभ योग बनाता है। इस शुभ योग का लाभ सभी राशियों को मिलता है। बुध के प्रभाव से कई लोगों की आय में वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक गतिविधियों में सुधार होता है।
त्रिग्रही योग में दुष्प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
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ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए.
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हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें.
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भगवान शिव और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए.
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महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.