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CM Yogi : मुसलमानों को मैं वैसे ही देखता हूं, जैसे मुसलमान मुझे देखते हैं, बोले सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Sun, 06 Feb 2022 10:06 PM
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10 फ़रवरी को उतरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा। चुनाव को लेकर भाजपा, सपा सहित सभी पार्टियां धुआंधार प्रचार कर रही है। इसी बीच एक टीवी इंटरव्यू में जब सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछा गया कि आपका मुसलमानों से क्या रिश्ता है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जैसे वे मुझे देखते हैं, वैसे मैं भी उन्हें देखता हूं।

दरअसल दिए गए इंटरव्यू में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछा गया कि पीएम मोदी का नारा रहा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। आप भी इस नारे को हर मंच से दोहराते हैं। आपने अभी तक बहुत से उम्मीदवार घोषित किए हैं लेकिन कोई भी मुसलमान कैंडिडेट घोषित नहीं किया है। आपका मुसलमानों से क्या रिश्ता है?

इस सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि मेरा वही रिश्ता उनके साथ में है जो उनका रिश्ता मुझसे है। आगे उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार में मेरे मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा हैं। केंद्र सरकार में मुख़्तार अब्बास नकवी मंत्री हैं। इसी प्रकार के कई चेहरे हैं। आरिफ़ मोहम्मद ख़ान केरल के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हमारा किसी चेहरे, व्यक्ति, जाति या मजहब से विरोध नहीं है। लेकिन जिसका विरोध भारत से है और भारतीयता से है तो स्वाभाविक रूप से हमारा उससे विरोध होगा।

ने यह भी कहा कि जो भारत को प्यार करता है। हम उससे प्यार करते हैं। जो भारत के मूल्यों और सिद्धांतों में रचा बसा है। हम उसको हृदय से लगाते हैं, गले से लगाते हैं और सम्मान भी देते हैं। लेकिन अगर आजादी के बाद किसी ने ईमानदारी से सबका साथ सबका विकास पर काम किया है तो वो भाजपा सरकार ने किया है। आप देख सकते हैं कि जो लोग गरीब कल्याण का नारा देते थे, गरीबी हटाओ का नारा देते थे, सामाजिक न्याय की बात करते थे। उनका क्या सामाजिक न्याय है? गरीबों की पेंशन हड़प जाना क्या यही सामाजिक न्याय है? गरीबों के आवास योजना को लागू न करना क्या यही सामाजिक न्याय है?  

बता दें कि करीब तीन दशक के बाद किसी भी प्रमुख पार्टी ने गोरखपुर सदर सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार घोषित किया है। बसपा ने गोरखपुर सदर से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपने पुराने पार्टी कार्यकर्ता ख्वाजा शम्सुद्दीन को चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि इस सीट पर पहले के चुनावों में भी मुस्लिम उम्मीदवार को 3000 से ज्यादा वोट नहीं मिले हैं। सिर्फ 1993 के चुनाव में बसपा के उम्मीदवार जाफर अली जिप्पू  को करीब 14वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

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