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राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? वसुंधरा राजे के अलावा ये है 4 बड़े दावेदार

उदयपुर Published by: Paliwalwani Updated Sun, 03 Dec 2023 09:55 PM
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उदयपुर. राजस्थान में एक बार फिर भगवा लहर दिखाई दे रही है. भाजपा ने शुरूआती रुझान से ही लीड किया और फिर धीरे-धीरे बहुमत के आंकड़े को भी पार कर लिया. लिहाजा ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि भाजपा की वापसी के बाद अब जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा. भाजपा में यूं तो मुख्यमंत्री पद के एक दर्जन से भी ज्यादा दावेदार हैं, लेकिन इन पांच नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है.

वसुंधरा राजे

भाजपा सत्ता में वापसी करती दिखाई दे रही है, लिहाजा ऐसे में मुख्यमंत्री पद की सबसे प्रबल दावेदारी वसुंधरा राजे की ही है, वसुंधरा राजे प्रदेश की दो बार मुखिया रह चुकी है और साथ ही सबसे लोकप्रिय नेता भी है. वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा रैली और रोड शो की है, ऐसे में उनका प्रभाव तकरीबन पूरे राजस्थान में है.

दीया कुमारी

राजस्थान विधानसभा चुनाव में महारानी के बाद सबसे ज्यादा अगर किसी की चर्चा रही तो वह राजकुमारी की थी, जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली भाजपा सांसद दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से चुनावी मैदान में है. इस सीट से वसुंधरा राजे के बेहद करीबी रह चुके नरपत सिंह का टिकट काटा गया था, वहीं लगातार सियासी जानकार दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प बता रहे हैं, ऐसे में दीया कुमारी की भी बड़ी दावेदारी मानी जा रही है.

सतीश पूनिया

जाट समुदाय से आने वाले सतीश पूनिया का नाम भी लंबे अरसे से मुख्यमंत्री की रेस में चल रहा है, अगर भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब होती है तो पार्टी आलाकमान उन्हें यह दायित्व सौंप सकता है. सतीश पूनिया संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और इस कार्यकाल के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष का भी दायित्व निभाया है, वह जयपुर की ही आमेर सीट से चुनावी मैदान में है.

बाबा बालक नाथ

अलवर से सांसद महंत बालक नाथ का नाम भी चुनावी समर में मुख्यमंत्री के रेस में चल रहा है. सियासी पंडितों का मानना है कि अगर भाजपा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अगर योगी को मुख्यमंत्री बना देती है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. आपको बता दें कि यादव समुदाय से संबंध रखने वाले महंत योगी बालक नाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत है. 

गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत यूं तो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन लगातार शेखावत को सरकार और संगठन में अहम भूमिका दी जा रही है. शेखावत की टिकट बंटवारे में भी खूब चली. ऐसे में सियासी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर भाजपा को बहुमत मिलता है तो पार्टी शेखावत को केंद्र से राज्य की सत्ता में भेज सकती है.

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