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ट्रेड यूनियन हड़ताल को मिला किसान और आदिवासी संगठनों का समर्थन : 9 जुलाई को आयोजित होने वाली देश व्यापी हड़ताल

उदयपुर Published by: paliwalwani Updated Sun, 06 Jul 2025 06:16 PM
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उदयपुर. केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में 9 जुलाई को आयोजित होने वाली देश व्यापी हड़ताल को उदयपुर के किसान और आदिवासी संगठनों ने भी समर्थन दिया.

यह जानकारी देते हुए ट्रेड यूनियन काउंसिल के संयोजक पी एस खींची ने बताया कि किसान और आदिवासी संगठनों की बैठक मेवाड़ किसान संघर्ष समिति के संयोजक विष्णु पटेल की अध्यक्षता में रविवार को शिराली भवन में हुई. बैठक में विष्णु पटेल ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीन काले कानून को देश में लागू करने की कोशिश की, उस समय देश के सभी मजदूर संगठनों ने किसानों के साथ एकता बना व्यापक आंदोलन से केंद्र सरकार को यह काले कानून वापस लेने को मजबूर किया.

उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार देश में मजदूरों के अधिकारों के 44 कानून को खत्म कर उन्हें तीन संहिता में बदल रही है, जिस पर देश का किसान भी मजदूरों के साथ एकता बना इसे लागू नहीं करने देगा. उन्होंने कहा कि देश के विकास में मजदूरों और किसानों का प्रमुख योगदान है लेकिन केंद्र सरकार की नीतियां उन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है, जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा.

बैठक में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष घनश्याम तावड ने कहा कि किसानों में भी, आदिवासी किसान नर्क का जीवन जीने को मजबूर है लेकिन भाजपा के जनप्रतिनिधि और नेता उनके जीवन से जुड़े मुद्दों पर उन्हें भटका हिंदू और गैर हिंदू होने के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं, लेकिन आदिवासी नहीं बटेगा और वह मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपये  प्रति दिन मजदूरी, वन अधिकार के पत्ते, फसलों पर एमएसपी की गारंटी, आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर व्यापक एकता बना जन संघर्ष तेज करेगा,

बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष प्रभु लाल भगोरा, आदिवासी जनाधिकार एका मंच के जिलाध्यक्ष प्रेम पारगी, राजस्थान किसान सभा के जिलाध्यक्ष देवीलाल डामोर ने भी विचार रख 9 जुलाई 2025 को होने वाली हड़ताल को अपना समर्थन देते हुए किसानों एवं आदिवासियों के भी 9 जुलाई को आयोजित होने वाली रैली में भाग लेने का विश्वास दिलाया, 

खींची  ने बताया कि 9 जुलाई के आयोजित होने वाली हड़ताल की तैयारी के लिए सीटू ने जिला सचिव हीरालाल सालवी की अध्यक्षता में एक अन्य बैठक हुई, बैठक में सीटू के जिलाध्यक्ष राजेश सिंघवी ने बताया कि यह औद्योगिक हड़ताल मजदूर संहिता को वापस लेने, वेतन कटौती, छटनी, महंगाई पर रोक लगाने, न्यूनतम मजदूरी 26000 रुपए प्रतिमाह घोषित करने, सामाजिक पेंशन 10000 रुपये  महीना घोषित करने ,ठेका व्यवस्था बंद करने, आशा सहयोगिनी सहायका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित करने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, सभी मजदूरों को पीएफ ईएसआई और कार्यस्थल पर सुरक्षा की गारंटी देने ,सफाई कर्मचारियों को नियमित करने, खान मजदूर की सुरक्षा की गारंटी करने, राष्ट्रीय संपत्तियां सरकारी उपक्रमों को बेचने पर रोक लगा, सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण बंद करने, सभी प्रकार के कृषि यंत्रों खाद बीज को कीटनाशक दवाओं पर सभी तरह के टैक्स समाप्त करने, सहारा आदर्श संजीवनी जैसी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में निवेशकों की जमा राशि का भुगतान कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही, उन्हें दंडित करने, उदयपुर पैराफेरि क्षेत्र के निवासियों को अतिक्रमण के नाम पर की जा रही, बेदखली रोक उनके कब्जे की पूरी जमीन के पट्टे देने, ठेला फुटपाथ व्यवसायीयो को अतिक्रमण और नो वेडिंग जोन के नाम पर की जा रही बेदखली पर रोक लगा, उनके रोजगार और सम्मान की सुरक्षा के साथ पथ विक्रेता अधिनियम की पालना करने, निर्माण मजदूर कल्याणकारी बोर्ड में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, घरेलू कामगार महिलाओं को सुरक्षा के लिए कानून लागू करने, दवा सहित आवश्यक वस्तुओं का मूल्य नियंत्रित कर उनको जीएसटी से मुक्त करने जैसी मांगों को लेकर किया जा रहा है,

इस अवसर पर ट्रेड यूनियन काउंसिल के सहसंयोजक मोहन सिन्याल एटक के हिम्मत चाग्वाल, इंट्क के खुशवंत कुमावत , ऐक्ट के सौरभ नरूका और एक्ट (यू) के लीला शर्मा भी मौजूद थी, पी एस खींची ने बताया कि 9 जुलाई को सुबह 11 बजे मजदूर किसान संगठनो के कार्यकर्ता टउन हाल से रेली प्रारंभ करेंगे, जो रेली कलेक्ट्रि पहुंचेगी और वहाँ प्रदशर्न कर सभा आयोजित कर राष्टृपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा. 

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