अगर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहता है तो उसे आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई बातों का अपने जीवन में जरूर अमल करना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कई तरह की महत्वपूर्ण बातें बताई है. ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि धन की देवी माता लक्ष्मी किन लोगों पर अपनी कृपा बनाए रखती है.
आचार्य चाणक्य के मुताबिक़, लक्ष्मी उसी व्यक्ति को अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं जो मानव कल्याण की भावना रखता हो. कभी लोगों का बुरा न चाहने वाला व्यक्ति माता लक्ष्मी को प्रिय होता है. माता लक्ष्मी कभी उसके जीवन में धन की कमी नहीं होने देती है. धन की देवी लक्ष्मी जी मानव की सुख, समृद्धि में भी वृद्धि करती है.
पौराणिक मान्यताओं की माने तो अनुशासन और स्वच्छता ये दोनों ही लक्ष्मी जी को बेहद प्रिय है. आपने भी अक्सर सुना होगा कि जहां साफ़-सफ़ाई या स्वच्छता नहीं होती है वह माता लक्ष्मी निवास नहीं करती है. जो लोग दूसरों के बारे में सकारात्मक विचार रखते हैं, साफ़-सफ़ाई से रहते हैं, लालची प्रवृति के नहीं होते हैं उन्हें जीवन में आर्थिक तंगी से नहीं जूझना पड़ता है।
हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी का एक प्रमुख स्थान है. माता लक्ष्मी की जिस पर कृपा होती है, वह व्यक्ति धन-संपदा से परिपूर्ण रहता है. माता लक्ष्मी को लेकर यह कथन भी प्रसिद्ध है कि माता कोमल ह्रदय के लोगों को बहुत पसंद करती है. कहते है कि, कोमल ह्रदय के लोग कभी भी किसी व्यक्ति का बुरा नहीं चाहते है और न ही वे किसी का बुरा करने का साहस जुटा पाते हैं. क्योंकि ऐसे लोग सामने वाले व्यक्ति को उचित सम्मान देते हैं और वे माता लक्ष्मी की कृपा पाने के पात्र भी होते हैं।
जो लोग खुद से दुर्बल या कमजोर लोगों को परेशान करते हैं, शोषण करते हैं, उन्हें पीड़ा पहुंचाते हैं ऐसे लोगों से लक्ष्मी जी मुख मोड़ लेती है. ऐसे लोगों से जल्द से जल्द देवी लक्ष्मी दूरी बना लेती है. अतः जीवन में कोई भी माता लक्ष्मी की कृपा चाहते है तो उन्हें इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. भूलकर भी कभी किसी का अपमान या अनादर न करें।
अहंकार किसी भी चीज का हो चाहे ज्ञान, धन या सौंदर्य हर प्रकार का घमंड मनुष्य के लिए हानिकारक है. इस बात से हर कोई परिचित है कि लक्ष्मी जी का स्वभाव काफी चंचल होता है और ऐसे में आपको धन आने पर थोड़ा भी अहंकार होता है तो आपका घमंड आपकी बर्बादी का कारण भी बन सकता है।