Latest Hindi News: पश्चिम बंगाल की एक चौंकाने वाली घटना में, कथित तौर पर एक महिला ने अपने पति को अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर किया और बाद में पैसे लेकर अपने प्रेमी के साथ भाग गई। यह घटना हावड़ा जिले के संकरैल की है। महिला ने कथित तौर पर अपने पति पर आर्थिक तंगी और बेटी की शिक्षा और शादी के लिए अपर्याप्त पैसे का हवाला देते हुए 10 लाख रुपये में अपनी किडनी बेचने का दबाव बनाया।
पत्नी की बात में आकर युवक ने किडनी बेचने की बात पर सहमति दे दी। एक साल की खोज के बाद, उसे तीन महीने पहले एक ‘खरीदार’ मिला और उसने अपनी किडनी उसे बेच दी। किडनी बेचने के बाद, उसे लगा कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, उसने सोचा कि इससे उनकी गरीबी कुछ कम होगी और भविष्य में अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करना आसान हो जाएगा।
हालांकि, युवक इस बात से अनजान था कि इस फैसले के पीछे उसकी पत्नी का कोई छिपा हुआ मकसद था। जबकि युवक अपनी किडनी बेचकर परिवार की परिस्थितियों को सुधारने की कोशिश कर रहा था, उसकी पत्नीपर बैरकपुर के सुभाष कॉलोनी में रहने वाले रवि दास से बातचीत कर रही थी।
पेशे से पेंटर रवि दास ने आखिरकार महिला के साथ संबंध बनाए, जिसके बाद महिला अपने प्रेमी के साथ भाग गई, क्योंकि उसके पति ने अपनी किडनी 10 लाख रुपये में बेच दी थी।
सच्चाई सामने आने के बाद पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस बीच, महिला बैरकपुर में रवि दास के साथ रहने लगी। ये जानने के बाद, युवक का परिवार शुक्रवार को दंपति के घर पहुंचा, साथ में उसकी 10 वर्षीय बेटी भी थी।
हालांकि, रवि और महिला ने उनके लिए दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने कुछ देर के लिए दरवाजा खोला, तो उन्होंने केवल इतना कहा- “जो करना है करो। मैं तलाक का नोटिस भेजूंगा।” अपने ससुर, सास, पति और बच्चों की मिन्नतों के बावजूद, पत्नी घर से बाहर नहीं निकली।
मालूम हो कि भारत ने 1994 में मानव अंगों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन प्रत्यारोपण सर्जनों ने कहा है कि डोनरों की कमी और प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों, डॉक्टरों और रोगियों के परिजनों के बीच मिलीभगत के कारण अंग बिक्री जारी है।