हरियाणा बीजेपी के प्रदेश कार्यालय के सचिव गुलशन भाटिया ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनकड़ द्वारा प्रदेश अरुण यादव को आईटी सेल प्रमुख के पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। हालांकि, पार्टी ने इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया है। पिछले दिनों, अरुण यादव द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर किया गया एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग उठने लगी। कहा जा रहा है कि पैगंबर पर साल 2017 के उनके विवादित ट्वीट को लेकर पार्टी ने ये कार्रवाई की है।
वायरल हो रहे ट्वीट में साल 2017 में अरुण यादव ने शराब की तुलना पैगंबर मोहम्मद से की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था, “मुझे तो पेग में पैगंबर नजर आता है।” अब इस ट्वीट के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिन्हें शेयर कर यूजर अरुण यादव की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। अरुण यादव का इसके अलावा एक और ट्वीट विवादों में रहा था।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद जब बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, उस वक्त एक्टर ने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर के आगे खड़े होकर फातिहा पढ़ने के बाद दुआ फूंकी। इस वीडियो को शेयर करते हुए अरुण यादव ने लिखा था, “क्या इसने थूका है?” इस ट्वीट के बाद यूजर्स ने उन पर जमकर निशाना साधा था। हालांकि, अरुण यादव ने ये विवादित ट्वीट नहीं हटाया।
इसी तरह, दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन पर अरुण यादव ने एक विवादित ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, “फिल्मी जगत में हिन्दू नाम रखकर पैसा कमाने वाले मोहम्मद यूसुफ खान ( दिलीप कुमार ) का निधन भारतीय फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है! शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना! दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान। भावभीनी श्रद्धांजलि!” अरुण यादव को इस ट्वीट के लिए भी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं।
वहीं, को लेकर किए उनके ट्वीट के कारण ट्विटर पर दो दिनों से “अरेस्ट अरुण यादव” का हैशटैग चल रहा है। हालांकि, इस मामले में अभी तक अरुण यादव के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दर्ज की गई है। ट्विटर पर खुद को भाजपा नेता बताने वाले अरुण यादव के 6 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। कई लोगों ने यह भी कहा कि अगर ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 2018 के एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है, तो अरुण यादव को पुलिस क्यों नहीं पकड़ रही है।