Savitri Jindal Election Results 2024: हरियाणा के हिसार जिले में विधानसभा चुनाव की मतगणना पूरी हो चुकी है। इस सीट पर भाजपा की बागी निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल लगातार बढ़त बनाते हुए चुनाव जीत गईं हैं। सुबह 01:20 बजे तक चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार सावित्री जिंदल 8,460 वोटों की बढ़त के साथ कांग्रेस उम्मीदवार से आगे रही थीं। 12 वे राउंड में सावित्री जिंदल 18941 वोटों से आगे थीं। इन्होंने शानदार जीत दर्ज की है।
यह मुकाबला काफी दिलचस्प बन गया है, क्योंकि भाजपा की बागी उम्मीदवार ने यहां कड़ी चुनौती पेश की है। आखिर में सभी को हराते हुए सावित्री जिंदल ने चुनाव में जीत दर्ज कर ली है।
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार सीट पर भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 49,675 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 33,843 वोट प्राप्त हुए थे। अन्य उम्मीदवारों में जननायक जनता पार्टी (JJP) के जितेंद्र मानव को 6,143 वोट और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मंजू दहिया को 1,578 वोट मिले थे।
2014 के चुनाव में सावित्री जिंदल ने कांग्रेस की टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ा (Haryana Vidhan Sabha Chunav Result 2024) था, लेकिन भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता ने उन्हें हराया था। कमल गुप्ता को उस समय 42,285 वोट मिले थे, जबकि सावित्री जिंदल को 28,639 वोट मिले थे। इसके अलावा, हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजका) के गौतम सरदाना को 28,476 वोट और इनेलो के भीम महाजन को 5,329 वोट मिले थे।
सावित्री जिंदल ने 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में उन्होंने 32,866 वोट हासिल किए थे, जिससे वह विजयी हुईं थीं। उनके मुकाबले में दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार गौतम सरदाना रहे, जिन्हें 18,138 वोट मिले थे। इस जीत के साथ सावित्री जिंदल ने उस समय अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया था, और यह उनकी एक महत्वपूर्ण जीत मानी जाती है।
आपको बता दें कि सावित्री जिंदल जो देश की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं। यह 74 साल की उम्र में भी जिंदल समूह की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
यह चुनाव उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। जिंदल ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा और वह इसे जनता की सेवा के रूप में देखती हैं। उनका उद्देश्य है कि वह अपने अंतिम चुनाव के जरिए जनता के हितों का प्रतिनिधित्व करें और अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें।