Emergency 1975: इमरजेंसी को लेकर आज भी कांग्रेस पार्टी को विरोधी दलों से तीखे सवालों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। वहीं अब एक राज्य की सरकार ने इमरजेंसी के दौरान जेल की सजा काटने वाले लोगों के लिए पेंशन स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत सरकार उस दौरान जेल जाने वाले लोगों को 20000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन देगी। इसके अलावा इन लोगों को मुफ्त इलाज भी मुहैया कराया जाएगा। यह राज्य सरकार कोई और नहीं बल्कि ओडिशा की मोहन चरण माझी की सरकार है।
ओडिशा की बीजेपी सरकार ने घोषणा की है कि आपातकाल के दौरान राज्य की विभिन्न जेलों में बंद लोगों को अब 20,000 रुपये मासिक पेंशन और मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
ओडिशा के गृह विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, 25.06.1975 से 21.03.1977 की अवधि के दौरान मीसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, 1971) या डीआईआर (भारत की रक्षा नियम) या डीआईएसआईआर (भारत की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नियम) के तहत ओडिशा राज्य की जेलों में बंद व्यक्तियों को पेंशन और अन्य लाभ प्रदान करने की कृपा की है।
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लिए आंतरिक और बाहरी खतरों का हवाला देते हुए 1975 से 1977 के बीच 21 महीने काआपातकाल घोषित किया था। ओडिशा सरकार का यह कदम BJP के राजनीतिक एजेंडे का भी हिस्सा है, जो आपातकाल की कड़ी आलोचक रही है।
गौरतलब है कि 2 जनवरी को ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम भारत रक्षा नियम या रक्षा और भारत की आंतरिक सुरक्षा नियमों के तहत आपातकाल के दौरान गिरफ्तार जेल में बंद लोगों के लिए मासिंक पेंशन के प्रावधान की घोषणा की थी।
राज्य सरकार ने बताया है कि इमरजेंसी के दौरान जो भी लोग जेल गए थे, उन्हें राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन का पैसा सरकार ही वहन करेगी। साथ ही ऐसे लोगों की मेडिकल कंडीशन की स्थिति में उनका इलाज भी मुफ्त कराएगी।