राजसमंद। संस्था प्रधान एवं शिक्षक विद्यालय में शिक्षा प्रदान करते समय अपने आचरण में सत्यता एवं आत्मनिष्ठा का भाव रखे। इन्हीं दो गुणों की वजह से शिक्षार्थी अपने शिक्षक एवं संस्था प्रधान के नेतृत्व को बरसों तक याद रखता है। इसके अलावा संस्था प्रधान व शिक्षक बच्चों के मस्तिष्क के साथ-साथ हृदय के विकास को भी ज्यादा तवज्जों देवे क्योंकि इसके प्रभाव में बच्चों में अपनत्व की भावना, समाज से जुडाव आदि को अपना सकेंगे। यह विचार तुलसी साधना शिखर पर आयोजित उत्कृष्ट विद्यालय के संस्था प्रधानों के लीडरशिप प्रशिक्षण में रविवार को राजसमंद प्रबुद्ध नागरिक मंच, तुलसी साधना शिखर समिति के तत्वावधान में नववर्ष पर सामाजिक चिंतन एवं शिक्षा में लीडरशिप विचार गोष्ठी में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भंवरलाल वागरेचा ने व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर मन में कई महाभारत है कविता के माध्यम से समाज व व्यक्ति के दिलों दिमाग की भावना को उजागर किया। कार्यक्रम में समिति के प्रसार सचिव राजकुमार दक ने लीडरशीप एवं कार्य से पलायन विषय पर वार्ता प्रस्तुत कर संभागी के मस्तिष्क को चिंतन करने पर मजबूर कर दिया।
पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी डॉॅ. राकेश तैलंग ने कहा कि सैद्धांतिक शिक्षण के साथ-साथ प्रायोगिक शिक्षण के अनुभवों को शिक्षण का माध्यम बनाए। साहित्यकार चतर कोठारी ने शिक्षकों को निरंतर अध्ययनरत रहने की बात कही। उन्होंने संस्था प्रधानों को आत्मविश्वासपूर्वक नेतृत्व करने की बात कही। कार्यक्रम के दौरान शिक्षाविद् एवं साहित्यकार अफजल खां अफजल ने गमजदा दिलों में खुशियां लौट आए, अब नया साल कुछ इस तरह आए, गजल प्रस्तुत की। राष्ट्रीय कवि सूर्यप्रकाश दीक्षित आओ हम बच्चों को फिर से नैतिकता का पाठ पढाएं तथा दीवारों पर लटकी तस्वीरें बुजुर्गो की निशानी है... कविता प्रस्तुत कर समां बांध दिया। कार्यक्रम को कल्याणमल विजयवर्गीय, मुकेश वैष्णव, डॉ. बालकृष्ण गर्ग बालक, हरलाल कुमावत, अधिवक्ता सुनील बोहरा ने भी सम्बोधित किया। प्रशिक्षण के केआरपी कन्हैयालाल व्यास (सागवाड़ा) ने व्यक्त किया। इस अवसर पर किशन खत्री, मुकेश त्रिवेदी, गोपाल त्रिपाठी, केआरपी प्रहलाद वैष्णव, कमलेश जाट, मदनलाल रेगर, नटवर सिंह चौहान, दीपेन सोनी, कुंदन उपाध्याय, मनीष पटेल, उदय कुमार पण्डया सहित कई संभागी उपस्थित रहे।
फोटो - राजसमंद प्रधानों के लीडरशिप प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित करते अतिथि एवं उपस्थित प्रशिक्षार्थी।