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आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बालकों को संस्कार एवं पौषण प्रदान करें: डॉ. समित शर्मा

राजसमन्द Published by: सुरेश भाट् Updated Thu, 24 Nov 2016 12:02 AM
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राजसमंद। महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने कहा है कि नन्हें बालकों के लिए विभाग की ओर से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत जिले में लगभग एक हजार एक सौ आंगनवाड़ी केन्द्रों में लगभग 55 हजार बालकों का प्रवेश है। उन्हें संस्कार, पोषण एवं आम बालकों की भांति केन्द्रों पर सभी सुविधाए बेहतर मिले यह आवश्यक है। इसमें महिला पर्यवेक्षक विशेष ध्यान दे। शर्मा बुधवार को यहां कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर अर्चनासिंह, कार्यवाहक उपनिदेशक आरसीडीएस एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रौनक बैरागी तथा महिला एवं बाल विकास की महिला पर्यवेक्षकों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीद्वारिकाधीश एवं श्रीनाथजी की छवी आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले नन्हे-नन्हे बाल गोपाल में निहित है। बालकों को हम कुपोषण से बचाए उन्हें वहां निर्धारित मिनू के आधार पर पोषण प्रदान करे। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर से अधिक बालकों का ठहराव आवश्यक है। बैठक में विभागीय अधिकारी एवं कार्यकर्ता आदि उपस्थित थे।

समय पर खुले केन्द्र

शर्मा ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों के बराबर एवं सही समय 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक खोले जाने के लिए कहा। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहयोगिनी की सेवाएं ठीक रहे यह आवश्यक है। इसके लिए बराबर पर्यवेक्षण करें। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही केन्द्रों पर अन्य सुविधाओं के लिए विभाग प्रति केन्द्र पांच हजार रुपये स्वीकृत कर रहा है। उसका सद्उपयोग करें। उन्होंने ब्लॉक वार आंगनवाड़ी केन्द्रों की समीक्षा की। आंगनवाड़ी केन्द्रों से सम्बन्धित संक्षिप्त जानकारी कार्यवाहक उपनिदेशक रोनक बैरागी ने दी। जिला कलक्टर ने भी जिले में विभागीय गतिविधियों की जानकारी के साथ महिला पर्यवेक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए।

सिकन्दर भी एक था जिसने पृथ्वी जीती...

महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने विभागीय महिला पर्यवेक्षक से कहा कि सिकन्दर भी एक ही था जिसने पृथ्वी जीती थी। यह वाक्य उन्होंने कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित विभागीय प्रगति की समीक्षा बैठक में महिला पर्यवेक्षकों से इसलिए कहा कि अपने सभी केन्द्रों का समय में पर्यवेक्षण करें। तो एक महिला पर्यवेक्षक ने कहा कि एरिया बड़ा है और हम दो पर्यवेक्षक ही है इस पर तो निदेशक ने कहा कि यह तो सोच है, सिकन्दर एक ही था। तो सभी ने इसका स्वागत किया।
फोटो राज पीएच 3 व 4 राजसमंद। कलेक्ट्रेट सभागार में महिला एवं बालविकास विभाग की आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते निदेशक डॉ. शर्मा व उपस्थित अधिकारी।

फोटो-सुरेश भाट

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