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श्री रोकड़िया हनुमानजी मंदिर परिसर में कलश यात्रा के साथ मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा

राजस्थान Published by: चन्द्रशेखर मेहता Updated Sun, 11 May 2025 12:43 AM
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श्री रोकड़िया हनुमानजी मंदिर परिसर में कलश यात्रा के साथ मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा
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पत्रकार : चन्द्रशेखर मेहता 

प्रतापगढ़.र्मनगरी प्रतापगढ़ जिले के पावन ग्राम झांसड़ी के चमत्कारिक श्री रोकड़िया हनुमानजी मंदिर परिसर में श्री श्री1008 महामण्डलेश्वरईश्वरानंद ब्रह्मचारी उत्तमस्वामी जी महाराज (श्रीशंभूपंच अग्नि अखाड़ा क्षेत्र हरिद्वार) के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन दिनांक 9 मई से 15 मई 2025 तक होने जा रहा है.

इस संगीतमय एवं जनहिताय दिव्य श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में सभी सनातन धर्मप्रेमी भक्त ज़न ज़न से सपरिवार एवं अपने ईष्ट मित्रों सहित धर्म का लाभ लेने की अपील मंदिर समिति द्वारा की गई है. दिनांक 9 मई शुक्रवार को प्रातः 8 बजे से गाँव में भव्य शोभा यात्रा, कलश यात्रा प्रारंभ हुई, जगह-जगह पुष्पवर्षा से वार्तावरण भक्तिमय हो गया.

कलश यात्रा में बैंड, बाजे, ढोल के साथ माता-बहने बड़े उत्साहपूर्ण वातावरण में बड़ी संख्या में भाग लेने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से शोभायात्रा में मंदिर पहुंची. इसमें दूर-दूर जनजाति क्षेत्रीय गाँवो से भी माताये भाग लेने आई. इसके बाद पौथी पूजन, गुरू पूजा के साथ कथा प्रारंभ हुई.

  • यहां छठी कथा : ये जानकारी मंदिर समिति के अध्यक्ष भंवरलाल व्यास ने पालीवाल वाणी को दी और बताया कि कथा समय प्रतिदिन प्रातः 10.30 से 1.30  बजे दोपहर तक एव कथा स्थान- श्रीरोकड़िया हनुमानजी मंदिर परिसर झांसड़ी,-प्रतापगढ़ रहेगा. 

कथा की तैयारियो को लेकर सनातन धर्म उत्सव समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश ओझा ने कल समस्त जानकारी ली और जिम्मेदारियो के लिए प्रभार दिए. समिति के सदस्य- प्रकाशचंद्र व्यास, बगदीराम, पुष्कर लाल,  लक्ष्मण सिंह आदि के साथ मंदिर ट्रस्ट के सभी सदस्यो की टीम तन मन धन से समर्पित होकर कार्य कर रही है. 

श्रीउत्तमस्वामीजी गुरू भक्त मंडल के रवि सोनी  कमलेश पाटीदार आदि सदस्यो की पूरी टीम भी कार्य सम्पादन कर रहीं है. कथा मे म. प्र. गुजरात. दिल्ली महाराष्ट्र उ.प्र. आदि राज्यो और देश भर से गुरू भक्त सम्मिलित होते है. 

गुरू भक्त मंडल के चन्द्रशेखर मेहता ने बताया कि इस क्षेत्र में गुरूदेव उत्तम स्वामी जी महाराज की यह 11 वी कथा है और यहां झासड़ी में ये छठी कथा है, जो इस मंदिर के 2009 मे शिलान्यास, इसके बाद निर्माण, कलशारोहन समस्त कार्यों मे गुरूदेव का बहुत महत्त्वपूर्ण और अकथनीय योगदान है. 

  • दो द्वार : प्रवेश द्वार सफ़ेद मार्बल से बनाया जा रहा है, इसी तरह प्रतापगढ़ नगर मन्दसौर नाके के पास प्रवेश द्वार नगर परिषद द्वारा बनाया जा रहा है, जो राजस्थान का सबसे बड़ा प्रवेश द्वार होगा. इसकी चौड़ाई 50 फीट और ऊंचाई 45 फीट होगी. इस पर रामायण कालीन चित्र होंगे, जिस पर विद्युत सज्जा लाइटिंग की जाएगी. 
  • चमत्कारिक मंदिर : यह मंदिर बहुत प्राचीन और  चमत्कारी है, पुराने समय मे ग्रामीण हनुमान जी से घर बनाना, विवाह, खेती, जमीन कुए के लिए नगद रोकड कलदार चांदी के सिक्के उधार मांगते थे. हनुमानजी नगदी-रोकड़ी  सिक्के भी उधार देते थे. जब काम हो जाता था. तब ग्रामीण वापस खेती की आय से रूपये जमा कर देते थे.

इस नगद लेन- देन का काम हनुमानजी की जेब से होता था, ये जेब हनुमानजी की मूर्ति में आज भी है. इसीलिए इस मंदिर का नाम रोकड़िया हनुमानजी के नाम से  प्रसिद्ध है. गांव के पंच. हीरालाल व्यास और पुराने बुज़ुर्ग हनुमान जी से रोकड़ी रू. उधार लेने की कई कहानिया सुनाते थे. बाद में जब लोगों की नियत में खोट आ गई, तो ये लेना देना बंद हो गया.

फिर आज भी मन्दिर क्षेत्र के कार्यों, मेला आयोजन खर्च, मंदिर निर्माण आदि कार्यों के लिए कभी भी कहीं चंदा लेने जाने की जरूरत नहीं हुई. भक्त जनों के सब काम हनुमान जी की कृपा से संपन्न हो जाते. हर मंगलवार को भक्त जनों की भारी भीड़ रहती है.

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