Akanksha Sharma
कोटा. खेड़ारसूलपुर ग्राम पंचायत में इन दिनों खुले कुएं, बोरवेल और बावड़ियों को बंद करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मुहिम जोर-शोर से चलाई जा रही है। इसी क्रम में ग्राम खेड़ा की सब्जी मंडी के सामने स्थित वर्षों पुरानी प्राचीन बावड़ी, जो ग्रामीणों की आस्था का केंद्र है, के पुनर्निर्माण और सुरक्षा कार्य प्रशासन के निर्देश पर जारी हैं।
प्राचीन आस्था का संरक्षण : यह बावड़ी प्राचीनकाल से ग्रामीणों की आस्थाओं से जुड़ी रही है। इसके जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने और सुरक्षा दीवार न होने के कारण इसमें दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ था। ज़िला कलेक्टर डॉ. रवींद्र गोस्वामी के निर्देश पर, उपखंड अधिकारी गजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन और खंड विकास अधिकारी श्री शैलेश रंजन की देखरेख में इस बावड़ी की मरम्मत और सुरक्षा कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी श्री शैलेश रंजन ने बताया कि इस बावड़ी के पुनर्निर्माण कार्य के तहत इसकी सफाई, मरम्मत और सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। दुर्घटनाओं से बचाव के लिए आवागमन वाले मार्ग की दिशा में बावड़ी के नीचे से 1 फीट तक चुनाई कर रोड लेवल को ऊंचा किया गया है। इसके अतिरिक्त, पूजा स्थल की आस्था को ध्यान में रखते हुए, बावड़ी के भीतर बने पूजास्थल के पास एक छोटा-सा गेट भी लगाया जाएगा, ताकि पूजा में कोई बाधा न हो और लोगों की आस्थाएं सुरक्षित रहें।
ग्राम पंचायत का योगदान : ग्राम पंचायत प्रशासन इस कार्य को लेकर पूरी तरह से सजग और जागरूक है। बावड़ी के पुनर्निर्माण कार्य को प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यह प्राचीन बावड़ी अपनी मूल संरचना में वापस लौटे। आगामी कुछ ही दिनों में इस बावड़ी को सुरक्षित ढंग से तैयार कर ग्रामवासियों को समर्पित किया जाएगा।
ग्रामीणों की खुशी : ग्रामवासी इस कार्य से बेहद खुश हैं और उन्होंने प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है। यह मरम्मत कार्य न केवल सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि क्षेत्र की प्राचीन धरोहर को भी संरक्षित कर रहा है।