राजस्थान | सरहदी बाड़मेर में जातीय पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए दो परिवारों पर 34 लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही 12 साल के लिए उनका हुक्का पानी बन्द कर दिया है। मामला बाड़मेर जिले के सिवाना उपखण्ड के लूदराड़ा गांव का है। मिली जानकारी के अनुसार इस तुगलकी फरमान के बाद पीड़ित भाइयों ने कोर्ट में इस्तगासे पेश कर जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
पीड़ितों के मुताबिक वह अपने परिवार सहित लूदराड़ा में स्थाई रूप से निवास करते हैं। हाल ही में उनके चचेरे भाई की पुत्री ने सिवाना के प्रेम सिंह पुत्र कान सिंह पुरोहित के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। इस कारण गांव के कुछ लोगों ने उन्हें सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर समाज से बाहर करने की योजना बनाई। इस प्रकरण में झूठा फंसा कर हमारे खिलाफ गोपनीय तरीके से षड्यंत्र करने लगे। समाज से बहिष्कृत करने की धमकियां देने लगे जबकि इस मामले में उनका कोई लेना-देना नहीं था। फिर भी समाज से बहिष्कृत करने की पूरी तैयारी की।
पीड़ितों ने बतााया कि इसके बाद इन लोगों ने एक झूठी पंचायती कर उनके ऊपर 17-17 लाख भरने का फरमान सुनाया । इन लोगों ने एक लाख दो हजार पहले भरवाए गए। साथ ही 34 लाख रुपए का दंड लगाया। तब दंड की राशि भरने पर असमर्थता जताई, तो माधोसिंह सहित सभी आरोपियों ने दोनों भाइयों को अपशब्द कहकर जाजम से नीचे जाने की धमकी दी। पीड़ितों का आरोप है कि इस फरमान के बाद से उन्हें गांव में हमें कोई बुलाता नहीं है। उपरोक्त लोगों द्वारा झूठी पंचायती कर हमारे ऊपर झूठा आरोप लगाकर उन्हें बेइज्जत किया गया है।