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चाणक्य के इन 5 श्लोक में छिपा है बुद्धिमान व्यक्ति बनने का राज,जानिए

अन्य ख़बरे Published by: Pushplata Updated Fri, 02 Feb 2024 12:10 PM
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चाणक्य के इन 5 श्लोक में छिपा है बुद्धिमान व्यक्ति बनने का राज,जानिए
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Chanakya Neeti: ने अपने जीवन काल में सबसे ज्यादा राजनीतिज्ञ के बारे में बताया है.उन्होंने अपने जीवन काल में ऐसी-ऐसी नीतियाँ दी हैं. जिनसे मनुष्य जीवन के हर मुकाम को हासिल कर सकता है.आचार्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन के हर पहलू के बारे में बताया है। जिसमें धन, संपत्ति, स्त्री, दोस्त, करियर और दांपत्य जीवन से जुड़ी तमाम बातों को लेकर कड़ा सन्देश दिया है.

   माता यस्य गृहे नास्ति भार्या चाप्रियवादिनी। Chanakya Neeti

   अरण्यं तेन गन्तव्यं यथारण्यं तथा गृहम् ॥

 

जिसके घर में न माता हो और न स्त्री प्रियवादिनी हो , उसे वन में चले जाना चाहिए क्योंकि उसके लिए घर और वन दोनों समान ही हैं ।

   मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च। Chanakya Neeti 

   दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥

मूर्ख शिष्य को पढ़ाने पर , दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने पर तथा दुःखियों- रोगियों के बीच में रहने पर विद्वान व्यक्ति भी दुःखी हो ही जाता है ।

आपदर्थे धनं रक्षेद् दारान् रक्षेद् धनैरपि। Chanakya Neeti 

आत्मानं सततं रक्षेद् दारैरपि धनैरपि ॥

विपत्ति के समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए । धन से अधिक रक्षा पत्नी की करनी चाहिए । किन्तु अपनी रक्षा का प्रश्न सम्मुख आने पर धन और पत्नी का बलिदान भी करना पड़े तो नहीं चूकना चाहिए ।

   लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता।

   पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ॥

जिस स्थान पर आजीविका न मिले, लोगों में भय, और लज्जा, उदारता तथा दान देने की प्रवृत्ति न हो, ऐसी पांच जगहों को भी मनुष्य को अपने निवास के लिए नहीं चुनना चाहिए ।

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