असम में प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड पीपल्स रिवॉल्यूशनरी फ्रंट के कथित कमांडर मंगिन खलहाऊ की हत्या कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि उसे अपने ही गिरोह के कुछ लोगों ने गोली मार दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
मंगिन खुद को यूपीआरएफ का कमांडर बताता था और लंबे वक्त से पुलिस को उसकी तलाश थी। मंगिन को असम के वीरप्पन के जैसा कहा जाता था। उसकी तुलना दक्षिण भारत के चंदन तस्कर रहे वीरप्पन से होती थी, जो अपने वक्त में एक खूंखार डाकू के रूप में जाना जाता था। यूपीआरएफ एक प्रतिबंधित संगठन है, जिसमें असम की दक्षिणी पहाड़ियों में रहने वाले कुछ उग्रवादी लोग शामिल हैं।
मंगिन का गोलियों से छलनी शव पुलिस ने बरामद किया है, जिसे पोस्टमॉर्टम के लिए दीफू भेजा गया है। वीरप्पन जिस तरह चंदन की तस्करी करता था, उसी तरह मंगिन अपने इलाकों में जंगली लकड़ी को अवैध रूप से सप्लाई किया करता था। बीते साल उसके संगठन के तमाम लोगों ने सरेंडर कर दिया था। वहीं एक कमांडर को पुलिस ने मार गिराया था।
पुलिस के मुताबिक, शनिवार-रविवार की रात मंगिन का अपने गिरोह के कुछ लोगों से खेंगपीबुंग इलाके में झगड़ा हुआ था। ये हिस्सा कार्बी आंगलोंग से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर है। इस झगड़े के बाद गिरोह के कुछ लोगों ने मंगिन को गोली मार दी, इसके बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस को उसका शव बरामद हुआ।